सरला और शेखर स्कूल की पढ़ाई करने के बाद कॉलेज में पढ़ने के लिए चले गए।
"दोनों ही किशोरावस्था में पहुंच चुके थे। मनुष्य के जीवन में किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें लैंगिक परिवर्तन होते हैं।"
यह अवस्था एक बदलाव की अवस्था है इसमें एक बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास के अलावा भावनात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं जिसके कारण एक लड़का का लड़की के प्रति और लड़की का लड़का का प्रति झुकाव होता है।
इस अवस्था में किसी भी किशोर को नियंत्रण करना आवश्यक होता है क्योंकि यही उम्र होती है जब एक बच्चे के सामने दो रास्ते होते हैं। एक अच्छा और एक बुरा।
एक बालक में प्रेम,दया,करूणा, क्रोध,अपनापन जैसे भावनात्मक परिवर्तन इसी उम्र में होते हैं।
(सरला एक बहुत ही सुन्दर और सुशील लड़की थी जो अपनी स्कूली पढ़ाई में बहुत ही प्रतिभाशाली रही थी। वह माता-पिता की आज्ञाकारी बेटी थी और शर्मीले स्वभाव की लड़की थी।
आज तक वह प्यार की परिभाषा तक नहीं जानती थी। उसके माता-पिता हमेशा से ही उसे इस बात के लिए आगाह करके भेजते थे कि बेटी चाहे कुछ भी कर लेना लेकिन ऐसा काम कभी मत करना जिससे कि हमें नीचा देखना पड़े।
हमें अशोभनीय व्यवहार से कभी भी शर्मिंदा नहीं करना हम तुम्हें पढा-लिखाकर संस्कारवान और सुशील लड़की के रूप में देखना चाहते हैं।)
सरला:-मैने अपने माता-पिता को इस बात का पूरा भरोसा दे रखा था कि मैं ऐसा कोई भी काम नहीं करूंगी जिससे कि तुम्हारा सिर झुकाना पड़े।
मैंने स्कूली शिक्षा में मेरे माता-पिता की उम्मीदों को कभी भी थकने नहीं दिया और उनकी इस बात का सदैव ख्याल रखा कि मां बाप की इज्जत मेरे लिए सर्वोपरि है। इसलिए मैंने स्कूल के दिनों में लड़कों से महत्वहीन बातें कभी नहीं की और कभी भी किसी के साथ दोस्ती का कदम नहीं बढ़ाया।
मैं माता-पिता की आज्ञाकारी बेटी थी क्योंकि मेरे लिए मेरे माता पिता ही सब कुछ थे जो मुझे एक उपवन के उस तरू की भांति सींच रहे थे जो उनके भविष्य में फल देने वाला था।
हां स्कूली शिक्षा तक मैंने कभी भी माता पिता का दिल नहीं दुखाया उन्हें हमेशा मेरे परिणामों से खुशी ही मिली थी।
यह कॉलेज में मेरा प्रथम दिन था और मेरे लिए सब कुछ नया था। उन दिनों कॉलेज में रेगिंग लेना आम बात थी। इसलिए मेरी कुछ सीनियर्स गर्ल्स ने मेरी रैगिंग ली जो मुझे बहुत ही अजीब लगी थी।
यह कॉलेज गर्ल्स और बाॅयज दोनों का संयुक्त था और सभी लोग संयुक्त रूप से कॉलेज की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। यह मेरा खुशनसीब था कि मुझे रैगिंग के लिए मेरी सीनियर्स गर्ल्स मिली थी।
मेरी सीनियर्स ने मुझे हाथ से इशारा करते हुए कहा कि यह जो लड़का जा रहा है इसे तुम्हें आई लव यू कहना होगा।
मैने उनसे मना किया कि इस तरह अनजान लड़के से इस तरह की बात कैसे कह दूं। मैंने मेरे जीवन में मेरे माता-पिता को छोड़कर ये शब्द किसी ओर के सामने कभी भी नहीं कहे है।
इस बात पर उन सभी लड़कियों में से एक लड़की गुस्सा होकर बोली कि तू जाती है या नहीं या तुझे कुछ और सजा दी जाये। यदि तू नहीं गई तो तुझे इससे भी भयंकर अंजाम झेलना होगा।
सरला:- मैं अंदर ही अंदर बुरी तरह डर गई। मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं।
यदि मैंने इनका कहना नहीं माना तो न जाने मेरा क्या हाल करेंगी इसलिए मैं बुरी तरह असमंजस में पड़ गई।
मुझे मेरे सीनियर्स से छुटकारा पाना था इसलिए मैंने सोचा कि मुझे इनकी बात मान लेनी चाहिए नही तो ये मुझे किस कुंए में धकेल थे।
उन दिनों रैगिंग की कुछ कहानियां मैं सुन चुकी थी रैगिंग के चक्कर में कई बच्चों की जान तक ले ली जाती थी।
मैंने उनका कहना मानकर उसके पीछे-पीछे जाना शुरू किया वहां पर उपस्थित सभी लड़किया ठहाका मारकर हंसने लगी। मैं मन ही मन घबरा रही थी कि न जाने मेरे कहने का सामने वाले लड़के पर कैसा असर होगा। कहीं वह मुझे पलटकर थप्पड़ नहीं मार दे। या कुछ ग़लत नहीं कह दे जिससे कि मेरे लिए सदा के लिए कांटे पैदा हो जाये।
मेरी हिम्मत थक रही थी लेकिन मेरे ऊपर सीनियर्स का दबाव होने की वजह से मैं पीछे कदम नहीं हटा सकती थी।
मैंने कलेजा कठोर करके अपने कदम उस लड़के की तरफ बढ़ाने शुरू किए और उसके पास जाकर बोली
"एक्सक्यूज मी"
वह एकदम से डर गया और बोला क्या हुआ?
मैं एकदम से सकपका गई।
मेरी उससे कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
लेकिन मैं क्या करती?
मैं शांत सी हो गई।
उसने मुझसे कहा प्लीज़ कहिए क्या बात है?
मैंने अपनी नजरें झुकाईं और उसके सामने देखकर उससे बोला
"आई लव यू टू"
उनमें से एक लड़की जो अनजान बनकर मेरे पीछे आ रही थी और उसने सुनते ही उन सभी लड़कियों को इशारा किया।
उसके इशारे के साथ ही सभी लड़कियां ठहाका मारकर हंसने लगी।
शरत ने उसकी तरफ देखा और वह मुस्कुरा कर वहां से निकल लिया।
शायद उसे इस बात का अंदेशा था कि उसकी रैगिंग ली जा रही है।
वह लडका बहुत ही सीधे स्वभाव का लगता था जिसने मेरी तरफ पलटकर भी नहीं देखा और वह चुपचाप वहां से निकल गया।
(आगे की कहानी अगले भाग में पढ़ें)
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