जीवन की रंग ------------------ प्यार से सुरु हुई जीवन का हर रंग , क्रांतिराज को खिले जीवन का हर रंग ! माँ तेरी कोख में खिला मेरी जिंदगी की रंग, तेरी से बनी मेरा हर अंग की रंग , रोम रोम सज्जी हो प्यार की रंग , क्रांतिराज को खिले जीवन का हर रंग ! रोता तो झर झर आँखों से मोती की गिरते देखते ही माँ का दिल रोते ममता की रंग में हमें विन्गोते , चरण छुई करता हुँ प्रणाम तेरा ही नाम से रंग जाये सब रंग , क्रांतिराज को खिले जीवन की हर रंग ! इस दुनिया में जब मई आया जोर जुलुम की संकट पाया , कोई नहीं अपना कोई पराया जग लगता अब अँधियारा \ खुसियो की रंग भी होगये वेरंग , क्रांतिराज को खिले जीवन की हर रंग . क्रांतिराज बिहारी