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पहली महोबत

1 मार्च 2022

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 किया झलक थी हम निशार हो गया ,

उसने देखा हमने देखा ,

दिल खोया और प्यार हो गया !


किया मदमस्त जवानी थी ,

जैसी कोई रानी थी ,

दिल मेरे उसपे निशार हो गया ,

दिल खोया और प्यार हो गया !


गजब सी चाल हिरन जैसी ,

मोर जैसी है पंख फैलाये 


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रचनाएँ
Kranti Raj की डायरी
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जीवन की रंग ------------------ प्यार से सुरु हुई जीवन का हर रंग , क्रांतिराज को खिले जीवन का हर रंग ! माँ तेरी कोख में खिला मेरी जिंदगी की रंग, तेरी से बनी मेरा हर अंग की रंग , रोम रोम सज्जी हो प्यार की रंग , क्रांतिराज को खिले जीवन का हर रंग ! रोता तो झर झर आँखों से मोती की गिरते देखते ही माँ का दिल रोते ममता की रंग में हमें विन्गोते , चरण छुई करता हुँ प्रणाम तेरा ही नाम से रंग जाये सब रंग , क्रांतिराज को खिले जीवन की हर रंग ! इस दुनिया में जब मई आया जोर जुलुम की संकट पाया , कोई नहीं अपना कोई पराया जग लगता अब अँधियारा \ खुसियो की रंग भी होगये वेरंग , क्रांतिराज को खिले जीवन की हर रंग . क्रांतिराज बिहारी

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