किया झलक थी हम निशार हो गया ,
उसने देखा हमने देखा ,
दिल खोया और प्यार हो गया !
अब नहीं चैन था जीने की सकून ,
प्यार का दीपक जला ,
आँखों प्यार रहा ढूंढ ,
उसने देखा मैंने देखा और प्यार हो गया -२ दिल --------
ईश्वर की दया से हमें वो मिल गई ,
अंधेरे दिल में कली खिल गई ,
जीने की तमन्ना थी,
नई उम्मीदे जागी थी ,
प्रेम की रसपान पीकर ,
दिल में तमन्ना जगी थी !
कब हो सवेरा देखु उसकी बसेरा ,
देखते ही तन बदन रोम रोम कही खो गया !
उसने देखा मैंने देखा और प्यार हो गया ,
और प्यार हो गया -२ !
क्रांतिराज बिहारी
१४/०२/२०२२ दिन सोमवार