गैरो को गले लगाने वालो अपनो की दर्द भी सनझ लो पत्थर की पुजने वालो माता पिता को गले लगा लो उनकी अंतर्मन क्या कह रही अपनी दिलो से समझ लो दिल की तम्मना से सेवा की रतन जड लो साक्षात भगवान तेरे घर में रो रहे उनके उपकार को भुल न जाना यारो खुशी की लहर उनकी चरण में झुकाओ दुनिया की हर खुशी आप ही आप पाओ जन्म से पहले तेरे लिए मंदिर शिवालय मे बंदगी की तब तुमें इस दुनिया में लाने की वरदान पाया नौ माह कोख में पला माता पिता अपनी फर्ज को निभाया उनकी ऐहसान को मन की गंगा में नेहा लो जिस ने गीले बेड पर सो कर सुखे अपनी आंचल पर सोलाया पिता भी तेरे लिए जग वालो के समाने अपनी खुशी दरसाया माँ अपनी गोद में पिता अपनी कंधे पर लेकर तुझे घुमाया माता पिता की दुख दरंद को खुशी में बदल लो तुम