नया साल आयो रे सब की मन की भायो रे मिल जुल कर खुशी मनायेगे चिडीया घर घुमने जायेगे चाँकलेट ,टाँफी खायेगे रेल पर चढकर जायेगे भालु बंदर के नाच देखकर खुशीयां सभी मनायेगे अपने बडे को पैर छुकर हम आशीर्वाद पायेगे अपनो से छोटो को हँस कर गले लगायेगे गलती के न माफ करेगे गलत साथ न जायेगे प्यार सींचे इस चमन को नया पैगाम देते जायेगे नया साल नया दिन का तोफा देकर जायेगे दुश्मन यदि गले मिल जाये हँस कर गले लगायेगे ! कवि-क्रान्तिराज दिनांक-01-01-2024