अंतराराष्ट्रीय पत्रिका 'जनकृति' का संपादन एवंनाट्यकला एवं फ़िल्म अध्ययन में पी-एच. डी शोधार्थी, पूर्वोतर भारत की लोककलाओं पर शोध कार्य, विगत 9 वर्षों से रंगमंच में सक्रिय
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स्त्री चिंतन परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव भारतीय संस्कृति अपनी विशिष्ट पहचान के कारण सदैव विश्व के लिए आदरणीय एवं वन्दनीय रही है। प्राचीन भारत की लोक कल्याणकारी भाईचारे और समन्वय की भावना ने विश्व को शान्ति, समता और अंहिसा
(सृजन क्षेत्र में विमर्श केंद्रित अंतरराष्ट्रीय मासिक ई पत्रिका ‘जनकृति’) ‘जनकृति’ विमर्श केंद्रित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका है. सृजन के प्रत्येक क्षेत्र कविता, नवगीत, कहानी, लघु कथा, व्यंग्य, नाटक, सिनेमा, रंगमंच, आलोचना, समीक्षा में विमर्श को स्थापित करने के उद्देश्य से इस पत्रिका को निकाला जा