आध्यात्मिक भ्रान्ति
जय सिय रामभारत सदा से ही एक समृद्ध परंपरा और संस्कृति का प्रचारक रहा हैI क्या हम अपने देश को आध्यात्म-विहीन देश के रूप में देख सकते हैं? प्रश्न यह है कि “आजकल की युवा पीढ़ी धर्म को मज़हब या सम्प्रदाय मानने लगी और उन्हें केवल उपरी सतह