मेरा एक शेर अपने आदर्श KV की तरफ से उनके कपटी मित्र केजू के लिए
4 जनवरी 2018
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कितना भी तुम मुझे दबाओ, मैं उठ ही जाऊंगा
लाख ताबूतों में दफन कर दो, मैं निकल ही जाऊंगा
मैं युग का चारण हु, मुहब्बत कि परिभाषा हूँ
निरंकुश हुई सत्ता को मैं हरदम राह दिखाऊंगा ।