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क्यों मन है घबराया

31 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
जिंदगी
5.0
जिंदगी कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी सी
1

खुशियों का ठिकाना

10 अक्टूबर 2021
5
4
3

<p>खुशियों का ठिकाना जो करोगे तलाश</p> <p>कहा तुम तलाश पाओगे</p> <p>मन से को करो अहसास</p> <p>अपने आ

2

मुश्किलों को भी बुखार होगा

14 अक्टूबर 2021
9
8
4

कुछ बाते आदतों में शामिल कीजिए<div>जिंदगी मौसम ए बहार होगा</div><div>अपने अंदाज से जियो जिंदगी</div>

3

जिंदगी

18 अक्टूबर 2021
5
2
2

जिंदगी को समझना छोड़<div>जिंदगी जीने की ओर अपनी</div><div>राहें मोड़</div><div><br></div><div>खूबसूर

4

जिंदगी को धुन कोई बन जाने दो

3 नवम्बर 2021
7
5
3

<p dir="ltr">दर्द को अल्फाजों में ढल जाने दो<br> जिंदगी को धुन कोई बन जाने दो</p> <p dir="ltr">हालात

5

जिंदगी को ना nil होने देना

11 नवम्बर 2021
15
11
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<div align="left"><p dir="ltr">बिन अरमान <br> जिंदगी लगे बेजान<br> हां बड़ा आसान है<br> ख्वाबों को ब

6

लक्ष्य

11 नवम्बर 2021
5
4
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<div align="left"><p dir="ltr">मेरा लक्ष्य सफल हो जब <br> मेरी मेहनत में शामिल हो<br> जब किस्मत का भ

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गम ने जब सताया

11 नवम्बर 2021
4
4
1

<div align="left"><p dir="ltr">जब दर्द का मिला साया<br> गम ने जब सताया</p> <p dir="ltr">आंसू ने आंखो

8

पिता का प्रेम नहीं मामूली

18 नवम्बर 2021
6
4
0

<p>घिसी हुई चप्पल</p> <p>लंबा सफर मुश्किल डगर</p> <p>मंजिल मिल पाना नहीं आसान</p> <p>बच्चो को दे ख्व

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जीवन में अंधेरे आखिर कब तक छलेंगे

21 नवम्बर 2021
4
1
0

<p>जीवन में अंधेरे आखिर कब तक छलेंगे</p> <p>कभी तो ग़म बुरा सपना बनकर ढलेंगे</p> <p><br></p> <p>ग़म

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वजूद ढूंढते है

30 नवम्बर 2021
3
3
1

<p>चलो खुश रहे हैं यू ही बेवजह<br> ग़म ना हो रह के उस जगह<br> बहुत रह लिए आसमान में<br> जुड़ जाए कुछ

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अपनी रचाई दुनिया में

1 दिसम्बर 2021
7
5
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<p>एक दुनिया ऐसी जहा मै हूं</p> <p>और लोगो की भरमार है</p> <p>एक दुनिया मेरे मन के भीतर </p> <p

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जिंदगी

2 दिसम्बर 2021
7
7
5

<p>मुड़ कर जो देखा जिंदगी को</p> <p>बीती जिंदगी कितना कुछ बता रही थी</p> <p><br></p> <p>खुशी ग़म के

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बहती सी जिंदगी

4 दिसम्बर 2021
1
2
1

<div align="left"><p dir="ltr">हर तरफ धूप ही धूप<br> ना कहीं छांव है<br> ज़ख्म भरते नहीं<br> अपनों न

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मौत के है साए

5 दिसम्बर 2021
1
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1

<div align="left"><p dir="ltr">झूलती सी मौत के है साए <br> जाने कब वक्त विदा होने का<br> आ जाए<br> न

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जीवन यू ही बीता जाए

29 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">बीते कल और आने वाले कल के <br> ख्याल में आज बीता जाए<br> बीते लम्हे स

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क्यों मन है घबराया

31 दिसम्बर 2021
0
0
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<div align="left"><p dir="ltr">तूफान से पहले शांति का<br> ये जो मंज़र है छाया<br> क्यों मन है घबराया

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जिंदगी  के पहलू

31 दिसम्बर 2021
0
0
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<div align="left"><p dir="ltr">,,<u>जिंदगी</u> के हर पहलू को देखना है<br> एहसासों में अपने सहेजना है

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चोट

1 जनवरी 2022
0
1
0

बेशक लोग कुछ जिंदगी में ऐसे आते हैबड़ा हंसते और मुस्कुराते हैअपना स्वार्थ सिद्ध करकेबड़ा ही इतराते हैखुद की चालाकियों पर बड़ा नाज़ कर के खुश हो जाते हैपर उन्हें नहीं जरा भी अहसासकितना दर्द किसी को होता हैमन उसका कितना रोता हैजब होता है किसी भावनाओं परप्रहारचोट दिल की सह पाना कितना मुश्किल है यारवो ये कहां समझ पाएजो स्वार्थ के लिए किसी कीभावनाओं पर चोट के जाए

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मिट्टी की सौंधी खुशबू

2 जनवरी 2022
2
3
1

चाहे बसे कोई परदेश मिट्टी की सोंधी सी खुशबू बुलाती याद अपने देश की सताती ये सोंधी खुशबू अपनेपन की प्यार के रिश्ते दिलों के बंधन की

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जिंदगी की राहें

2 जनवरी 2022
1
1
0

टूटी फूटी सड़क सी जिंदगी की राहें कैसे ख्वाब कोई सजाए ग़म के साएं हर पल मंडराए खुशियों की उम्मीद के सहारे जीवन सुख दुख की टेडी मेढ़ी राहों पर चलती जाए कितना भी संभल कर चले घाव मिल ही जाते है ना चाहते हुए अपनो से

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जीवन में जो रम जाता है

24 फरवरी 2022
0
0
0

जो जीवन में रम जाता है खुशियों के ठिकाने वहीं पाता है मुस्कुराने की वजह ना करनी पड़े  फिर तलाश जीवन में वो सुख पाता है हर हालत में जो ढल जाता है सुकून से जीवन वो जी पाता है ख्वाहिशों की ना रखे उलझी डो

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जीवन में जो रम जाता है

24 फरवरी 2022
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जो जीवन में रम जाता है खुशियों के ठिकाने वहीं पाता है मुस्कुराने की वजह ना करनी पड़े  फिर तलाश जीवन में वो सुख पाता है हर हालत में जो ढल जाता है सुकून से जीवन वो जी पाता है ख्वाहिशों की ना रखे उलझी डो

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छोटी छोटी बातों से

27 फरवरी 2022
3
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छोटी छोटी बातों से जीवन बनता हैअपनो का प्यार मिले तो जीवन का गुलशन खिलता हैबड़ी बड़ी खुशियों का क्यों करना इंतज़ारजब छोटी छोटी बातों से बन सकता हैजीवन बहारखूबियों संग कमियां भी अपनाएहो गलती

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बंद दरवाज़े तकदीर के

28 फरवरी 2022
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3
0

बंद दरवाज़े तकदीर केमेहनत और ज़ज़्बे से खोल दोहार ना मानोगे असफलता से बोल दोपथरीली राहों पर चलते जाना है रुके ना कदम मंजिल जो पाना हैमुश्किलों से क्यों घबारानासफलता पा कर एक दिनसूरज सा आसमां

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