अजीब मसला है जिंदगी का।लोग कहने लगे है, रही जिंदगी, तो दुनियाँ जहां को समझ लेंगे।लहरे भी अनगिनत होंगी कोरोना की अभी, तीसरी का इंतजार है।पहली लहर से घबराए भागे, मौत से बचने के लिए योंही जिंदगियां गवा दिए रोड, रेल ट्रैक पर।दीन दानवीरों की टोलियां मद्दत किया उनकी जो प्रवासी मजदूर बन गए थे।अजीब मसला है