जब हमें कोई गाली देता है तो हम क्रोधित हो उठते है इसी प्रकार जब हमारी कोई प्रशंसा करता है तो हम फूले नहीं समाते। साधारण सी बात है जब गाली देता है तो हम उससे नफरत करने लगते है ।हमारे अंदर की ज्वाला
जब हम सो कर उठते हैं तो कोई विचार सीधा मन में चल रहे होते है। ये विचार आपने अभी सोचा नही और अचानक सो कर उठते ही मन में चलने लगते है। कभी ध्यान दिया है ये विचार आपको कब आया होगा। बीते हुए दिन में ज
होश पूर्वक जीने का क्या अर्थ होगा? सामान्यतया हम कहते हैं हम तो होश से काम कर रहे हैं,होश से चल रहे है,होश से दौड़ रहे है,होश से खा रहे है। सुबह से शाम तक हम यही तो कर रहे हैं।तो होश और क्या है? आप
सुबह व शाम का महत्व सुबह व शाम का महत्व सभी लोगो को पता होना चाहिए। सुबह वो क्षण है जो करीब 5 से 7 बजे के बीच को हम मान सकते है। सुबह उठते ही हमारा मन ताजा रहता है इस मन का उपयोग अपने लिये करना
विचार क्या हम विचार करते है? कितने लोग विचार करते हैं? कही विचार चल रहे है उसे तो हम लोग विचार करना तो नही कहते। तो हम भूल में है। विचार दिमाग में स्वतः चलते रहते है लेकिन वह विचरना नही है।उदाह
सतत जब कोई विद्यार्थी उत्तीर्ण होता है तो उसके पीछे हजारो कदम होते हैं। वो लगातार अध्ययन करता है तब उसे वो मंजिल हासिल होती है। कोई भी हम काम करे उसमें निरंतरता जरूरी है निरंतरता एक दिन सफलता के
समग्रता पहले की अपेक्षा आज सूचनाएं ज्यादा प्राप्त हो रही है। आज इतनी सारी जानकारी हमे एक साथ मिलती है कि हम तनाव में आ जाते है। ऑफ़िस जाना है वहाँ की कई ऑनलाइन व ऑफलाइन काम पेंडिग है। बच्चो की फीस
विपत्ति का निखार हम ये सोचते है कि हम पर कोई दुख का पहाड़ ना टुटे। कोई समस्या ना आए। सोचो यदि हमे कोई कार्य न करना पड़े तो हमारे शरीर से कोई काम ना होगा मासपेशी दुर्बल हो जायेगा जब हम किसी पार्
माइन्ड (मन) मन को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि कहा गया है मन के हारे हार है मन के जीते जीत।मन एक ऐसा शख़्स है जो अपनी जाल से हमे उलझाकर खुद मालिक बन बैठता है। मन अपनी चाल कब चलता है पता नही चलता।
डिजिटल मुद्रा~भारतीय इतिहास में मुद्राओं की एक विशिष्ट भूमिका रही है । प्राचीन कालीन शासकों की उपाधि और राजनीतिक विस्तार के साथ साथ मुद्राएं आर्थिक और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति की गवाही देती आयी हैं ।
साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता के सभी नियमों के अनुसार वीक 31 (9 मई 2022 से 15 मई 2022) के सबसे सक्रिय लेखक हैं काव्या सोनी आपको शब्द.इन टीम की ओर से बधाइयां 🎊 सम्बंधित पुरस्कार आपको 1 सप्ताह के भीतर
अजीब मसला है जिंदगी का।लोग कहने लगे है, रही जिंदगी, तो दुनियाँ जहां को समझ लेंगे।लहरे भी अनगिनत होंगी कोरोना की अभी, तीसरी का इंतजार है।पहली लहर से घबराए भागे, मौत से बचने के लिए योंही जिंदगियां गवा दिए रोड, रेल ट्रैक पर।दीन दानवीरों की टोलियां मद्दत किया उनकी जो प्रवासी मजदूर बन गए थे।अजीब मसला है