एक लक्ष्य अधूरा है बाकी
जो आश लगाए बैठे है
उस पार निकलना है मंजिल
इस तरह इरादे ऐठें है
राह में चाहे हो मुश्किल
सफर अभी भी है करना
एक पल चैन मंजूर नहीं
उस लक्ष्य को पूरा है करना
अगर कदम हो साथ तेरे
वक़्त के संग होंगे सपने
वो लक्ष्य भी ज्यादा दूर नहीं
जब ख़्वाबों को पा लेंगे अपने
पास हमारे वो हिम्मत है
हार से डट कर है लड़ते
जब सफर की राह पर हो जोखिम
जी जान लगा कर है चलते
एक घड़ी ऐसी आएगी
किस्मत साथ निभाएगी
जो खीची हमने रेखाएं थी
वो लक्ष्य को छू कर जाएंगी
एक लक्ष्य अधूरा है बाकी
जो आश लगाए बैठे है
उस पार निकलना है मंजिल
इस तरह इरादे ऐठें है