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एक राजा था उसके कोई पुत्र नहीं था राजा बहुत दिनों से पुत्र प्राप्ति के लिए आस लगाए बैठा था लेकिन पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई उसके सलाहकारों ने तान्त्रिक से सहयोग लेने को कहा तान्त्रिको की तरफ ..
दूसरी डेरी मेरी संग संबंधियों की थीं परन्तु उन्होंने भी मेरे माता पिता को नहीं समझाया अत मैंने दूसरी डेरी को तोड़ दिया और तीसरी डेरी राजा अपकी की थीं क्यंकि राजा की..