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लोकतंत्र .......?

9 दिसम्बर 2019

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कैसा है ये लोकतंत्र ?

जहाँ जनता है, ओछी मानसिकता और भ्रष्ट राजनीति की शिकार !

यहाँ हर दिन नया मुद्दा , मुद्दे पर बहस होती है ,

मरती है तो केवल जनता , राजनीति आराम से सोती है।


त्रस्त हो चुकी है जनता , अवसाद की शिकार,

मासूम जल रहे हैं या जला दिए जा रहे हैं।

इंसानियत को गिरता देखकर भी हम गूंगे , बहरे बन जा रहे हैं ,

सभाओं में मौन धारण कर फिर नए गुनाहों को आमंत्रण दिए जा रहे हैं ।


जनता को गुमराह करने वालों तुम किन मानवाधिकारों की दुहाई देते हो ?

पहले मासूम और गुनाहगारों का फ़र्क तो समझ लीजिए ,

जो शोषण का शिकार ,जला कर ख़ामोश कर दी जाती हैं , वे भारत की ही बेटियाँ हैं ।

सूरत की इमारत में जल गए बच्चे और दिल्ली में जले मजदूर ,

हमारी लचर और भ्रष्ट व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न नहीं तो क्या है ?


देश का कोई भी हिस्सा हो या फिर हो हमारी राजधानी ,

होती है प्रतिदिन अवैध कारनामों व लचर व्यवस्था की शर्मनाक कहानी


हैदराबाद के इनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हो ,

अपनी ही व्यवस्था के फ़ेल होने पर अब क्यों तिलमिला रहे हैं ?


यह तो था गुनाहों की इंतहा का जवाब और देश की लचर व्यवस्था के मुँह पर तमाचा ?

यह वह गूँज थी , जो समाज में छिपे भेड़ियों की गर्दन दबोचने का दम रखती है।


सत्ताधारियों , मुद्दे बहुत उठा लिए , वोट भी पा लिए ,

भ्रष्ट व्यवस्था की आड़ में घड़ियाली ऑंसू मत बहाइए ,


बस , अब हमें समाधान चाहिए ,

यह लोकतंत्र है , जनता को भी सम्मान चाहिए।


मेरी कलम से

परमजीत कौर


09 . 12 . 19

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