हिंदी …. हमारा स्वाभिमान! हिंदी , हमारी भाषा है , मात्र एक भाषा नहीं , आधुनिकता के बहाव में हम आगे बढे जाते हैं , अपनी ही भाषा के लिए हम ,आज भी एक दिन मनाते हैं। यह माँ है , बहुत उदार है , सबको अपनाती है , फिर , आज अपने ही बच्चों से क्यों छली जाती है ? हिंदी केवल हिंदी शिक्षकों की ही भाषा नहीं है , यह सबका आधार है। फिर हम सबको क्यों इससे इनकार है ? जो हमारा स्वाभिमान है , जिससे हमारी पहचान है , वह क्या केवल एक दिन की शान है ? यह तो सबका अपमान है। जो दिलों को दिलों से जोड़ती है , आज भी वह अपनी पहचान खोजती है। मात्र एक दिवस देकर मेज़बान को मेहमान मत बनाइए , यह हमारी माँ है , इसे दिल से अपनाइए। विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ … मेरी कलम से परमजीत कौर 10.01.2020