उसके हाथ का हर व्यंजन जैसे भरा हो स्वाद से ,
और मन में भरा हो असीम प्यार .
फरिश्ता एस जीवन में ,
आया करके माँ नाम का श्रृंगार .
प्यार में जिसके ममता ,
डांट में जिसके दुलार .
माँ तेरे आँचल बिना ,
बेरंग हे यह संसार .
सब्दों में कड़वाहट भले ही ,
पर मन पर चिंता का भार .
माँ तेरे होने से ही बना ,
मेरे जीने का आधार .
लाख यातनाएं सहकर भी ,
चाहे सजी हो होठों पर मुस्कान ,
तेरी चुप्पी में भी कह जाती हे कह जाती हे कईं कहानी,
ललाट पर तेरे सलवटों की धार.