रासबिहारी बोस भारत के एक क्रांतिकारी नेता थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध गदर षड्यंत्र एवं आजाद हिंद फौज के संगठन में महत्त्वपूर्ण काम किए। वे बचपन से ही देश की स्वतंत्रता के स्वप्न देखा करते थे। क्रांतिकारी गतिविधियों में उनकी गहरी दिलचस्पी थी। उन्होंने न केवल भारत में कई क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन करने में अग्रणी भूमिका निभाई, अपितु विदेश में रहकर भी वे भारत को स्वतंत्रता दिलाने के प्रयासों में आजीवन लगे रहे। दिल्ली में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चार्ल्स हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाने, गदर की साजिश रचने और बाद में जापान जाकर इंडियन इंडिपेंडेंस लीग और आजाद हिंद फौज की स्थापना करने में रासबिहारी बोस की प्रभावी भूमिका रही। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। क्रांतिकारी जतिन मुखर्जी की अगुवाई वाले ‘युगांतर’ नामक क्रांतिकारी संगठन के अमरेंद्र चटर्जी से परिचय हुआ और वे बंगाल के क्रांतिकारियों के साथ जुड़ गए। बाद में श्रीअरबिंद घोष के राजनीतिक शिष्य रहे जतींद्रनाथ बनर्जी उर्फ निरालंब स्वामी के संपर्क में आने पर संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) और पंजाब के प्रमुख आर्य समाजी क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। भारतीय स्वातंत्र्य समर की हुतात्माओं की लंबी शृंखला की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी में प्रमुख रासबिहारी बोस की प्रेरक जीवनगाथा।. Read more