महिला हमारे समाज की शक्ति है। महिला से ही समाज बनता है महिला से ही घर बनता है और महिला ही किसी पुरुष के जीवन को बना सकती है। हर एक महिला का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए।
महिला सशक्तिकरण एक समर्पित प्रयास है जिससे महिला को स्वतंत्रता मिले, सम्मान मिले और उन्हें उनका अधिकार मिले। यह एक माध्यम है जो महिलाओं की सहायता करता है और उन्हें शिक्षक प्रदान करने में और निर्णय लेने में क्षमता प्रदान करता है।
शिक्षा हर किसी का अधिकार है और यह अधिकार सबको दिया जाना चाहिए समान भाव से। शिक्षा प्रदान करते समय किसी के साथ भी भेदभाव नहीं करना चाहिए चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। शिक्षा महिलाओं के सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे हर किसी महिला को शिक्षा दी जाएगी ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सके।
हर एक महिला को आत्मनिर्भर बनना चाहिए ताकि वे आने वाले समय में किसी और पर बोझ ना बन सके या फिर कोई यह ना कह सके कि वह उसका बोझ है। हर एक महिला अपने खर्च खुद उठा सके और उसे किसी पर आश्रित होने की आवश्यकता ना हो। आने वाले समय में उसे अपने भाई ,पिता या फिर पति से पैसे मांगने की जरूरत ना हो यदि उसे कुछ चाहिए हो तो वह खुद अपने पैसे से ले सके। इसलिए सशक्तिकरण में हर एक महिला को नौकरियां दी जायेंगी। उच्च शिक्षा प्राप्त करके वह आगे विकास कर सके।
समाज में बदलाव लाना भी महिला सशक्तिकरण का हिस्सा है। समाज में स्त्री को समानता और सम्मान का अधिकार होना चाहिए। स्त्री और पुरुष में भेदभाव नहीं होना चाहिए दोनों को एक बराबर अधिकार देना चाहिए।
महिला सशक्तिकरण समाज में चुनौतियों भरा हो सकता है। समाज में सशक्तिकरण को कहीं ना कहीं मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन लेकिन समाज के समर्थन के साथ इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इसमें महिला अपनी शक्ति को पहचानेगी अपने अधिकारों को पहचानेगी और समाज में बदलाव लाने का प्रयास करेगी।
जब हर व्यक्ति छात्र और अधिकारी को समान अधिकार मिलेगा तो हमारा समाज और हमारा भारत खुद ही आगे बढ़ेगा और आगे विकास करेगा।