वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी. यह दिन हर सिख के लिए बहुत ज़रूरी होता है. इस दिन सिखों के दसवे गुरु (गुरु गोविन्द सिंह जी) के चार बेटो ने अपना बलिदान दिया था.उन्होंने यह कर के अपनी वीरता दिखाई और सबके दिलो पर राज़ करा. हर सिख इस दिन को याद करता है.
गुरु गोविन्द सिंहजी के चार बेटो का नाम है :
1. अजीत सिंह
2. जुझार सिंह
3. जोरावर सिंह
4. फ़तेह सिंह
यह दिवस इनके बलिदान को याद कर के मनाया जाता है. इन्होने अपने प्राण का त्याग दिया जो बहुत बड़ी बात है. जिस समय उन्होंने अपने प्राण त्यागे उस समय वो बहुत छोटे थे, उनकी उम्र 19 साल की थी.
वीर बाल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत मंडपम में शामिल हुए.
वीर बाल दिवस को बहादुरी दिवस भी कह सकते हैं. वीर बाल दिवस के दिन,स्कूल और कॉलेज में भी आयोजन किये जाते है. ताकि बच्चो को इन सबका पता चल सके और उनकी जानकारी अच्छी हो. इन सब चीज़ो से वो प्रेरित हो कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें.
वीर बाल दिवस ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो बच्चो को देश प्रेम क लिए जागरूक करता है और साहसी बनाता है. यह दिन हमे याद दिलाता है कि हमे अपने कर्तव्य के प्रतिा आदर सम्मान करना चाहिए. इससे नयी पीढ़ियों को समर्थन मिलेगा और वह भी आगे बढ़ना चाहेंगे.