प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारी भूमि जल वायु और आसपास की जनता को प्रभावित कर रही है। यह हमारी प्रकृति को भी प्रभावित कर रही है। प्रदूषण मुक्त भारत के लिए हमें कई कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आने वाले समय में हमारी प्रकृति को कोई हानि न पहुंचे।
प्रमुख प्रदूषण कारण:
1. वाहनों का प्रदूषण
आज के समय में हर किसी घर में कोई ना कोई वहां है चाहे वह गाड़ी हो, बाइक हो या स्कूटी हो। इन सब के कारण वायुमंडल प्रभावित होता जा रहा है और वायु जो है खराब होती जा रही है। हमारे वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड एवं नाइट्रोजन डाइऑक्साइड बढ़ती जा रही है।
2. उद्योगों की गतिविधियां
उद्योगों की गतिविधियों के कारण भी हमारी प्रकृति में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। विभिन्न उद्योगों का गंदा पानी नदियों में आ रहा है जिस कारण नदियों का पानी भी अब गंदा हो गया है। उद्योगों से उठने वाली प्रदूषण गैस भी प्रकृति के लिए हानिकारक हो सकती है।
3. विकास
जिस तरह भारत में विकास इतनी तेजी से हो रहा है, उस तरह भारत में प्रदूषण का विकास भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। लोग अपने उद्योगों को बढ़ाने के लिए पेड़-पौधे, जंगल आदि काटे जा रहे हैं। जिस कारण हमारे पर्यावरण में काफी मुश्किलें आ रही हैं। अनेक क्षेत्रों में विकास के कारण हमारा पर्यावरण दूषित होता जा रहा है।
आवश्यक कदम
1. परिवहन का सुधार
सार्वजनिक परिवहन को समर्थन देना चाहिए जिससे समाज का हर व्यक्ति सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें। जिससे पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड थोड़ा कम होगा एवं वायु दूषित होने से बचेगी।
2. प्रदूषण नियंत्रण उपाय
समाज में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कुछ उपाय निकालने चाहिए जिससे प्रदूषण कम फैले। उद्योगों को ऐसी जगह बनाना चाहिए जहां पास कोई न रहता हो और ना ही पेड़ पौधे हो जिससे प्रदूषण में थोड़ा नियंत्रण होगा।
3. संतुलन
हमें पर्यावरण में एक संतुलन बनाए रखना चाहिए जिस कारण हमारे पर्यावरण को भी हानि न पहुंचे और जो हम भारत का विकास कर रहे हैं वह भी होता जाए।