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हिंदी अध्यापिका

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मन से मंज़िल तक......

मन से मंज़िल तक......

इस पुस्तक में प्रस्तुत सभी रचनाएं मेरी कलम से कृत स्व- विचारों एवं भावनाओं का परस्पर संग्रह है। जिसका उद्देश्य ना केवल पाठक वर्ग को आनंदित करना है अपितु उन्हें चिंतनशील मनुष्य बनने हेतु प्रेरित करना भी है। इसी आशा के साथ शुरू होता है हमारा ये सुनहरा

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मन से मंज़िल तक......

मन से मंज़िल तक......

इस पुस्तक में प्रस्तुत सभी रचनाएं मेरी कलम से कृत स्व- विचारों एवं भावनाओं का परस्पर संग्रह है। जिसका उद्देश्य ना केवल पाठक वर्ग को आनंदित करना है अपितु उन्हें चिंतनशील मनुष्य बनने हेतु प्रेरित करना भी है। इसी आशा के साथ शुरू होता है हमारा ये सुनहरा

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बेपनाह प्यार

बेपनाह प्यार

यह पुस्तक रोमांस पर आधारित एक कॉमिक बुक है। जिसमें बड़ी ही मीठी नोंक - झोंक से कहानी की शुरुआत होती है और यह काफी समय तक जारी रहती है। इसमें अलग अलग घटनाएं घटती हैं और झगड़ते - झगड़ते कॉमिक के नायक और नायिका में नज़दीकियां बढ़ने लगती हैं। धीरे - धीरे

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बेपनाह प्यार

बेपनाह प्यार

यह पुस्तक रोमांस पर आधारित एक कॉमिक बुक है। जिसमें बड़ी ही मीठी नोंक - झोंक से कहानी की शुरुआत होती है और यह काफी समय तक जारी रहती है। इसमें अलग अलग घटनाएं घटती हैं और झगड़ते - झगड़ते कॉमिक के नायक और नायिका में नज़दीकियां बढ़ने लगती हैं। धीरे - धीरे

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अपनापन

30 जुलाई 2022
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अपनों के संग वक्त बितानामुझको अच्छा लगता हैअपनों पर यूं हक जतानामुझको सच्चा लगता हैकभी रूठना कभी मनानामुझको मोहक लगता हैअपनों से दूर हो जानामुझको नाहक लगता हैफरेबी इस दुनिया मेंहर शख्स बेगाना लगता हैह

गाँव की हसीन शाम

13 दिसम्बर 2021
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<p><strong>जीवन के ढलते पड़ाव पर,</strong></p> <p><strong>संघर्षों की आंधी लिए</strong></p> <p><stro

दीया

3 नवम्बर 2021
3
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<p><br></p> <p><strong>जीवन को हमेशा, आशा से भरेगा</strong></p> <p><strong>खाक होकर भी, निरंतर साहस

घिसी हुई चप्पल

23 अक्टूबर 2021
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<p><strong>घिसी हुई चप्पल बयां करती है</strong></p> <p><strong>दीनता, संघर्ष, शिथिलता और</strong></p

जज़्बा

10 अक्टूबर 2021
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<p><strong>राब्ता तुम्हारा है</strong></p> <p><strong>और मोहब्बत हमारी है</strong></p> <p><strong>इख

मेरे प्यारे दादाजी

8 अक्टूबर 2021
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<p><strong>दादाजी ने हाथ पकड़कर </strong></p> <p><strong>चलना मुझे सिखाया था</strong></p> <p><s

मंज़िल की तलाश

6 अक्टूबर 2021
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<p><strong>ज़िन्दगी संग तेरे</strong></p> <p><strong>मैं दो कदम चली</strong></p> <p><strong>थक गई, र

प्रकृति

5 अक्टूबर 2021
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<p><strong>प्रकृति है जग का आधार</strong></p> <p><strong>जैवमण्डल पर करती कृपा अपार </st

बालश्रमिक की आकांक्षा

4 अक्टूबर 2021
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<p><strong>प्यार से कोई गले लगाए</strong></p> <p><strong>चूम के माथा उसे हंसाए</strong></p> <p><stro

गज़ल

3 अक्टूबर 2021
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<p><strong>कौन कहता है कि कोई फ़कीर होता है।</strong></p> <p><strong>दिल-ए-मोहब्बत में वो अमीर होता

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