मकर संक्रांति एक हिन्दू त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को समर्थन करता है और हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह पर्व भारतवर्ष में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सूर्य की पूजा और बच्चों के साथ खेतों में उत्सव करना है।
मकर संक्रांति को भी कहा जाता है, क्योंकि इस त्योहार के दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। लोग इस दिन सर्दी के मौसम के बावजूद गंगा घाटों पर जुटकर स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
इसके अलावा, मकर संक्रांति खासकर उत्तर भारत में उत्सव रूप में मनाया जाता है। लोग पतंग उड़ाने, खेतों में बनी मेठे और तिल के लड्डू बनाने के साथ ही खिलबी, खीचड़ी, और गुड़ खाकर इस दिन को बड़े हर्ष के साथ बिताते हैं।
मकर संक्रांति का एक अनूठा पहलु है उत्तर भारत में होने वाले 'मेले' जैसे आयोजन। ये मेले लोगों को एक साथ लाते हैं और उन्हें विभिन्न खेल, नृत्य, और मिठाईयों का आनंद लेने का अवसर देते हैं।
समाप्त होते समय, मकर संक्रांति ने न शिर्षक ही बना लिया है बल्कि यह एक ऐसा दिन बन गया है जिसमें परंपरा, धार्मिकता, और सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों का समृद्धि से मिलता है।