परिचय:
भारत, जो वैश्विक रूप से सबसे बड़े प्रवासी समुदाय के साथ है, वर्तमान में विदेश में करीब 9,500 नागरिकों को क़ैदी बनाए हुए है। मध्य पूर्व में तीन में से पाँच भारतीय कैदियों को आश्रय दिया जाता है, जिसमें क़तर क्षेत्र में नागरिकों की तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है।
भारतीय कैदियों का जनसंख्यान:
कुल भारतीय जो विदेश में कैद हैं:
89 देशों में कुल 9,521 भारतीय।
मध्य पूर्व:
मध्य पूर्व में 62% से अधिक कैदियों की संख्या। सऊदी अरबिया में सबसे अधिक संख्या है (2,200), जिसे यूएई फॉलो करता है। क़तर, कुवैत, बहरीन, और ओमान में भी भारतीय कैदियों की महत्वपूर्ण जनसंख्या है।
एशिया:
एशिया में 23% से अधिक कैदियों की संख्या, जिसमें नेपाल सबसे आगे है, इसके बाद मलेशिया, पाकिस्तान, चीन, सिंगापुर, भूटान, और बांग्लादेश हैं।
यूरोप:
यूके में अधिकांश (278), जिसका पीछा इटली, जर्मनी, फ्रांस, और स्पेन करता है।
सरकारी प्रतिक्रिया:
तत्काल क्रियाएँ:
भारतीय मिशन घटनाओं का मॉनिटरिंग करते हैं और स्थानीय प्राधिकृतियों को तुरंत जोड़ते हैं। नागरिकता की पुष्टि और यह सुनिश्चित करना प्राथमिकताएं हैं।
कॉन्स्यूलर सहायता:
भारतीय मिशन स्थानीय कानूनी पैनल को बनाए रखते हैं। कानूनी सहायता के लिए कोई शुल्क नहीं है; भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) कानूनी सहायता और पुनर्निवास की समर्थन करता है।
पुनर्निवास प्रयास:
कॉन्सुलर परामर्श भारतीय नागरिकों के मुक्ति और पुनर्निवास पर केंद्रित होते हैं। 2014 से 4,597 भारतीयों को क्षमा और दण्ड कमी के प्रयासों से लाभ हुआ है।
भारत ने 31 देशों के साथ TSP समझौते किए हैं, जिससे कैदियों को स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया है। बहुपक्षीय समझौते और यात्री।