मालदीव और लक्षद्वीप के बीच हाल ही में एक विवाद उत्पन्न हुआ है, जिसने क्षेत्रीय और आंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमाएं स्पष्ट करने की जरूरत को उजागर किया है।
मुख्य तर प्रमुख विवाद उत्पन्न हो रहा है क्योंकि लक्षद्वीप के बारे में चर्चा हो रही है कि क्या यह भारतीय जलधारा में आता है या फिर मालदीव के अधिग्रहण का कोई संभावना है। दोनों राष्ट्रों के बीच इस समस्या को गंभीरता से लेकर चर्चा हो रही है, और इससे संबंधित राजनीतिक और राष्ट्रीय मुद्दे सामने आ रहे हैं।
इस विवाद के पीछे के कारणों में से एक वजह है समुद्री संसाधनों की महत्वपूर्णता, जिसमें मांगलोर, कोचीन, और श्रीनगर जैसे बड़े पोर्ट्स शामिल होते हैं। इसके अलावा, इस सीमा विवाद से दोनों राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय समर्थन और असमर्थन की बातें हो रही हैं, जिससे दोनों क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है।
समस्या का समाधान शांतिपूर्ण और सुलझा हुआ होना चाहिए ताकि समुद्री सीमाओं के मामले में राष्ट्रों के बीच साथीता बनी रहे। यह आपसी सहमति और बौद्धिक चरणों के माध्यम से हो सकता है, ताकि दोनों राष्ट्र इस विवाद को समझे और समाधान के लिए समर्थ हों।