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मनुष्य योनि में मानव जीवन का सद्पयोग - सिलिकॉन वैली छोड़ कर रहे आर्गेनिक खेती |

29 जुलाई 2019

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वर्तमान भारतीय शिक्षा व्यबस्था जो की ब्रिटिश हुक़ूमत के समयानुसार भारतीय मूल्यों व् सभ्यता-संस्कृति को सामान्य भारतीय जन-मानस के मन-मष्तिस्क में स्वयं का ही परिहास कराकर पच्छिमी भौतिक वैज्ञानिक शिक्षा को ही सर्वमान्य परपेछित कर आज के भारतीय युवा-वर्ग को सीमित बौद्धिक छमताओ में किसी श्रापबंध से बांधती सी प्रतीत होती है |

श्रापबंध -शिक्षा का अर्थ नौकरी ,व्यवसाय ,भौतिक पदार्थो की सजीवता ,विभिन्न सरकारी पदों पर राजतिलकित होना ,भविष्य की सुलभ जीवन यापन की सामग्रियों को सिंचित करना ,इत्यादि |

प्रश्न -क्या पच्छिमी शिक्षा पद्धति के अनुसार भी यथार्थ में हम व्यक्तिगत प्रतिभा को उसका सही मार्गदर्शन व् दिशा निर्देशन करा पा रहें हैं ?

प्रश्न -क्या श्रापबंधो से मानव-निर्मित उपकरण की तरह जीवन के काल को व्यतीत करना हमारा 21st शताब्दी का स्वतंन्त्र भारत है ?

प्रश्न -क्या मानव योनि व् वैदिक सभ्यता-संस्कृति में जन्म लेना व्यर्थ हैं ?

प्रश्न - जैविक शिक्षा क्षेत्र में जैविक खेती ,जैविक पदार्थ ,जैविक जीवन इत्यादि जैविक ,जीवनशील विषय पर आप क्या जानकारियाँ प्राप्त कर चुकें है व् कितना अपने जीवन में आत्मसात कर चुकें है ?

उत्तर -socio -cultural- ecofriendly जीवन पद्धति पर स्वयं शोध करिये और जीवंन्त को पुनः जीवित करिये !

उत्तर -स्वयं शोध से आप जानकारियों से भी अधिक अनुभवीय ज्ञान-विज्ञान को स्वयं में जीवित पाएंगे !

हमारा उदेश्य आपकी भावनाओं व् आपकी शिक्षा पर प्रश्न उठाना नहीं है ,इस कहानी को पढ़कर आप स्वयं सोचिये कितने विषय विविधता की भाँति आपके जीवन से उपेछित रह गए हैं | जीवन जीने की सही कला व् आपके अपने व्यक्तिगत जन्म का सार्थक अर्थ तो आप को ही सोचना समझना है |

किसी भी ऊर्जा को ना मानने बाला नास्तिक भी प्रकृति को सजीव मानता है तो उस उस सजीवता को जी कर अपने सजीव होने का प्रमाण स्वयं को दीजिये |




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" शर्मसार करें और कब तक हम खुद को " - हिंदुत्व भावनाओं का स्वयं पतन

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मनुष्य योनि में मानव जीवन का सद्पयोग - सिलिकॉन वैली छोड़ कर रहे आर्गेनिक खेती |

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मृत्यु अंतिम सत्य तो अन्त्येष्टि जीवन का आखिरी संस्कार है। इसके लिए लकड़ी की चिता पर अंतिम संस्कार की मान्यता अब पर्यावरण के लिए नुकसानदेह साबित होने लगी है और हजारों की संख्या में पेड़ कटने से जीवन के लिए खतरा दिन-ओ-दिन बढ़ता जा रहा है। हालांकि विद्युत शव दाह गृह का विकल्प दिया गया लेकिन यह विकल्प

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राजस्थान के हरीश जाटव मॉब लिचिंग मामले में हरीश के पिता रत्तीराम जाटव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. परिजनों का आरोप है कि मामले में न्याय नहीं मिलने के कारण रत्तीराम जाटव ने ये कदम उठाया. दरअसल राजस्थान के अलवर के भिवाड़ी के झिवाना गांव निवासी हरीश जाटव की मॉब लीचिंग में मौत हो गई थी. घटना 17 जुला

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हमेशा मुस्लिम ने किया प्रताड़ित नहीं बदल सकते स्वयं को संस्कार dna में है विचार ख़ून में -direct action plan १९४६ paksitan की नीव !

17 अगस्त 2019
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सत्यनारायण की कथा तो होती है पर चापेकर बंधुओं को क्यों भूल गए ? हरि कुमार को भी याद रखिए स्कन्द पुराण का हिंदी अनुवाद !

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आज अगर कोई कहे कि घर में पूजा है, तो ये माना जा सकता है कि “सत्यनारायण कथा” होने वाली है। ऐसा हमेशा से नहीं था। दो सौ साल पहले के दौर में घरों में होने वाली पूजा में सत्यनारायण कथा सुनाया जाना उतना आम नहीं था। हरि विनायक ने कभी 1890 के आस-पास स्कन्द पुराण में मौजूद इस संस्कृत कहानी का जिस रूप में अन

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हॉकी का जादूगर राष्ट्रप्रेम से राष्ट्रीयखेल तक ! भारत रत्न एक विश्लेषण एक खोज ?

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कोई विशिष्ट स्थान अथवा व्यक्ति से संबंध नहीं आप कई प्रकार की लाभान्वित व्यक्तित्व की श्रेणियों से इसे प्रायोजित कर सकते हैं,उदाहरण के लिए कोई राजनीतिक संगठन के श्रीमान जो हर आयोजन को निज-स्वार्थ प्रयोजन में परिवर्तित कर कुछ जड़शब्दों को चेतन भाव के अभाव में प्राकृतिक पुष्पांजलि अर्पित कर जनता समूह क

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कश्मीर धर्मांधता व सेकूलर इंडिया !

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19 नवम्बर 2019
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भारतीय शब्द का आधार भारत है व भारत का आधार हमारी सनातन पुरातन वैदिक सभ्यता व संस्कृति.हिंदू शब्द का प्रचलन यहाँ के मूल निवासियों के लिए प्रोयोगित किया जाता है जो यहाँ हज़ारों वर्षों से अलग अलग अलग पंथो को स्वीकारकर अंगिगत करते चले आ रहे है।अंतर दोनो में कुछ नहीं है बस कोई इतिहास में इस्लामिक आक्रांत

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बामपंथी

10 जनवरी 2020
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प्रायः यह शब्द सुनकर अधिकतर रूस या चीन या कोरिया की छवि हमारे मन-मस्तिष्कीय रेखाओं पर अंकित होती है वस्तुतः भारत भूमि से इस शब्द का जुड़ाव एक अलग प्रसार-प्रचार को परिभाषित करता है |{ हिंन्दु विरोध } { पंथ निर्पेक्ष छवि } { इस्लामिक ईसाई शक्तियाँ } = राष्ट्रदोही अस्

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स्वामी श्रद्धानंद व शुद्धि आंदोलन एक विशलेषण

15 जनवरी 2020
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम्,नमस्कार आपने स्वामी दयानंद जी द्वारा प्रारंभित शुद्धि आंदोलन का जिक्र तो सुना व पढ़ा होगा परन्तु उस आंदोलन में अहम भूमिका स्वामी श्रद्धानंद जी ने आगामी समय मे निभाई |आधुनिक भारत में “शुद्धि” के सर्वप्रथम प्रचारक स्वामी दयानंद थे तो उसे आंदोलन के रूप में स्थापित कर सम्पूर्ण हिन्

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हिन्दू धर्म क्यो इस्लामिक आक्रांताओ के उपरांत भी जीवांत रहा ?

17 जनवरी 2020
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स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो धर्म-सम्मेलन में एक अत्यंत मुख्य बात इसी प्रश्न के संधर्भ में कही थी जो आज भी सजीव है | धर्म दो प्रकार से कार्यान्वित है एक स्थूल जो उसके अनुयायिओं द्वारा दृश्य होता है दूसरा जो सूक्ष्म रूप से उस स्थूल को दर्शन करवाकर दर्शित कर दृश्य बनाता है ; अब यहाँ दृश्य क्या है ? आ

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गृहयुद्ध

21 जनवरी 2020
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गृहयुद्ध का अर्थ हर देश की अपनी भिन्न भिन्न संरचनाओं के आधार पर होता है जैसे सीरिया में गृहयुद्ध वहाँ के राष्ट्रपति व isisi के विरुद्ध था व अभी भी कार्यगत है कभी अमेरिका में गृहयुद्ध हुआ तो वह आर्थिक मुद्दे पर होगा या हांगकांग में हो रहा गृहयुद्ध चीनी कम्युनिस्ट सरकार के विरुद्ध है |अब बात इंडिया की

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खालिस्तान

23 जनवरी 2020
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यह मानचित्र 2004 तक का एक उदाहरणस्वरूप विवरण देता है कि सिक्ख संप्रदाय किन किन भौगोलिक हिस्सो में स्थानांतरण हुआ | अब वर्तमान में भारत को छोड़ सबसे अधिक सिक्ख अमेरिका , कनाडा फिर यूनाइटेड किंगडम में रहते है | खालिस्तान अर्थ खालशा की भूमि यह परिकल्पना कभी भी गुरु गोविंद साहब , गुरु तेग बहादुर , बंदा ब

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शाहीन बाग़ एक ढोंग

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