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उधम सिंह - इतिहास के शब्दों तक ही क्यों जीवित ?

31 जुलाई 2019

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प्रस्तावना - भारतीय क्रांतिकारी इतिहास प्रायः अनैतिक रूप से दो भागों में बाँट दिया गया जो कि उन सभी बलिदानियों के ऊपर आज़ाद भारतियों का कलंक है,

जिसका हमें स्वयं ही अभाश नहीं हैं | तथाकथित स्वतंत्रता का राजनीतिकरण कर विद्यार्थियों व् देशवासिओं को त्याग,वलिदान,शौर्य,मातृभूमि प्रति

आदर व् भावनाओं को भी विचारों के रणक्षेत्र में हिंसा और अहिंसा का धुलित प्रकरण बना उस धूल में उधम सिंह की वीरता को भी रैडिकल शब्द से सम्बोद्यित कर दिया गया | इस धूलित विभाजित देशभक्ति का प्रथम चक्रवात पंडित जवाहरलाल नेहरू के संरक्षण में आया जिसके आज करोड़ों

अनुयायी हैं |


प्रश्न- क्या गाँधी व् कांग्रेस की विचारधारा से भिन्न कार्य करने वाले क्रांतिकारी हिंसक थे ?

उत्तर - अहिंसा का अर्थ उस प्रकार के हर कार्य से है जो निजस्वार्थ से ऊपर उठ समाज व् देश में व्याप्त अनैतिक कृत्यों का विरोध कर मानवीय गुणों की स्थापना करे .

प्रश्न - क्या साल में एक-दो बार जयंती या पुण्यतिथि पर उधम सिंह पर चर्चा कर आप उन्हें आदर्श श्रृद्धांजलि अर्पित कर रहें हैं ?

प्रश्न -क्या देश भक्ति या राष्ट्रप्रेम कभी- कभी भावाभेष में चेतनित होता है ?

प्रश्न -क्या आप भी क्रांति को विकल्पो के अनुसार रंगित कर क्रांतिकारियों का वैचारिक विभाजन करतें हैँ ?

प्रश्न - क्रांतिसपूतों व् स्वतंत्रता-सेनानियों के महत्व को किस उपकरण से शोधित कर इतिहास को प्रचारित किया गया ?


उपसंहार- प्रत्येक मानव अपनी-अपनी आवश्यकतानुसार अनेक स्थूल व् सूक्ष्म पदार्थों का प्रयोग करता हैं क्या आज देश भी एक पदार्थ ही बनकर रह गया है | आज देश की प्राणवायु "राष्ट्र हित सर्वोपरि" क्या भारत राष्ट्र के भावनात्मक वातावरण में उचित मात्रा में व्याप्त है | क्या देश की युवापीढ़ी उधम सिंह की शहादत-वलिदान को आने बाले भविष्य में उनका उचित सम्मान दे पायेगी |




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राजस्थान के हरीश जाटव मॉब लिचिंग मामले में हरीश के पिता रत्तीराम जाटव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. परिजनों का आरोप है कि मामले में न्याय नहीं मिलने के कारण रत्तीराम जाटव ने ये कदम उठाया. दरअसल राजस्थान के अलवर के भिवाड़ी के झिवाना गांव निवासी हरीश जाटव की मॉब लीचिंग में मौत हो गई थी. घटना 17 जुला

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हमेशा मुस्लिम ने किया प्रताड़ित नहीं बदल सकते स्वयं को संस्कार dna में है विचार ख़ून में -direct action plan १९४६ paksitan की नीव !

17 अगस्त 2019
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15 अगस्त 1946 में मुस्लिम लीग के द्वारा ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ की घोषणा कर दी गई. मुस्लिम लीग के इस एलान ने 16 अगस्त 1946 को कलकत्ता में भीषण दंगे का रूप ले लिया. हर तरफ खून की होली खेली जाने लगी. देखते ही देखते कलकत्ता का सांप्रदायिक दंगा बंगाल और बिहार की सीमा पर भी शुरू हो गया.इस सांप्रदायिक दंगे को

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सत्यनारायण की कथा तो होती है पर चापेकर बंधुओं को क्यों भूल गए ? हरि कुमार को भी याद रखिए स्कन्द पुराण का हिंदी अनुवाद !

18 अगस्त 2019
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आज अगर कोई कहे कि घर में पूजा है, तो ये माना जा सकता है कि “सत्यनारायण कथा” होने वाली है। ऐसा हमेशा से नहीं था। दो सौ साल पहले के दौर में घरों में होने वाली पूजा में सत्यनारायण कथा सुनाया जाना उतना आम नहीं था। हरि विनायक ने कभी 1890 के आस-पास स्कन्द पुराण में मौजूद इस संस्कृत कहानी का जिस रूप में अन

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भारतीय शब्द का आधार भारत है व भारत का आधार हमारी सनातन पुरातन वैदिक सभ्यता व संस्कृति.हिंदू शब्द का प्रचलन यहाँ के मूल निवासियों के लिए प्रोयोगित किया जाता है जो यहाँ हज़ारों वर्षों से अलग अलग अलग पंथो को स्वीकारकर अंगिगत करते चले आ रहे है।अंतर दोनो में कुछ नहीं है बस कोई इतिहास में इस्लामिक आक्रांत

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10 जनवरी 2020
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स्वामी श्रद्धानंद व शुद्धि आंदोलन एक विशलेषण

15 जनवरी 2020
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम्,नमस्कार आपने स्वामी दयानंद जी द्वारा प्रारंभित शुद्धि आंदोलन का जिक्र तो सुना व पढ़ा होगा परन्तु उस आंदोलन में अहम भूमिका स्वामी श्रद्धानंद जी ने आगामी समय मे निभाई |आधुनिक भारत में “शुद्धि” के सर्वप्रथम प्रचारक स्वामी दयानंद थे तो उसे आंदोलन के रूप में स्थापित कर सम्पूर्ण हिन्

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हिन्दू धर्म क्यो इस्लामिक आक्रांताओ के उपरांत भी जीवांत रहा ?

17 जनवरी 2020
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स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो धर्म-सम्मेलन में एक अत्यंत मुख्य बात इसी प्रश्न के संधर्भ में कही थी जो आज भी सजीव है | धर्म दो प्रकार से कार्यान्वित है एक स्थूल जो उसके अनुयायिओं द्वारा दृश्य होता है दूसरा जो सूक्ष्म रूप से उस स्थूल को दर्शन करवाकर दर्शित कर दृश्य बनाता है ; अब यहाँ दृश्य क्या है ? आ

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गृहयुद्ध

21 जनवरी 2020
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गृहयुद्ध का अर्थ हर देश की अपनी भिन्न भिन्न संरचनाओं के आधार पर होता है जैसे सीरिया में गृहयुद्ध वहाँ के राष्ट्रपति व isisi के विरुद्ध था व अभी भी कार्यगत है कभी अमेरिका में गृहयुद्ध हुआ तो वह आर्थिक मुद्दे पर होगा या हांगकांग में हो रहा गृहयुद्ध चीनी कम्युनिस्ट सरकार के विरुद्ध है |अब बात इंडिया की

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खालिस्तान

23 जनवरी 2020
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यह मानचित्र 2004 तक का एक उदाहरणस्वरूप विवरण देता है कि सिक्ख संप्रदाय किन किन भौगोलिक हिस्सो में स्थानांतरण हुआ | अब वर्तमान में भारत को छोड़ सबसे अधिक सिक्ख अमेरिका , कनाडा फिर यूनाइटेड किंगडम में रहते है | खालिस्तान अर्थ खालशा की भूमि यह परिकल्पना कभी भी गुरु गोविंद साहब , गुरु तेग बहादुर , बंदा ब

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शाहीन बाग़ एक ढोंग

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