समस्या ये है supreme court रामचरितमानस या अनन्य रामायणों के साक्ष्यों को प्रमाण नहीं मानती वही supreme कोर्ट २०१५ में जब बकरा-ईद की सुनवायी में कहती है कि ये रीति है जो हज़ार साल से चली आ रही है ! जहाँ रामसेतु को congress सरकार ने ख़ुद court में कहा ऐसी कोई चीज़ है ही नहीं सेक्युलर लिबरल गैंग ने भी कहा ऐसा कुछ नहीं है पर २०११ में NASA ने माना रामसेतु भी है कम से काम ८० हज़ार साल पुराना या उस से भी ज्यदा और वो भी मानवनिर्मित है । congress राम मंदिर केस में २००५-६ के बीच कहती है जब राम ही नहीं तो राम मंदिर विवाद क्यों ? इंदिरा गांधी ने पर्सनल लॉ दिया और सुरु से भी मुस्लिम के लिए अलग क़ानून उनके मदरसे सरकारी फ़ंड से चलते मस्जिद में कोई सरकारी दख़ल नहीं इत्यादि । समस्या बस इतनी है mythology कह कर नेहरु सरकार ने जो इतिहास स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी इत्यादि में सुरु किया वही आधार लेकर कोर्ट भी यही बात बोलती है । विदेशी धर्मग्रंथों व इतिहास को तथ्य मानती है जो की ज़्यादातर britishers Christian churches द्वारा वैदिक भारतीय सभ्यता को ख़ुद के बाद उत्पन्न हुआ दिखाया और कह दिया आर्य Europe से भारत आए ऐसे ही सारे तथ्य उलट-पलट दिए । मंदिर के खुदाई अवशेष kk खान द्वारा संचालित पुरातत्व टीम के पास आज भी सही सलामत है जिसने बहुत सारे चिन्ह टूटी मूर्तियाँ मिलीं तो हर प्रकार से यह साबित हो चुका है बहाँ राम मंदिर था । दूरसी बात यह है ७ से १७ मध्य तक इस्लामिक आक्रांताओं द्वारा धर्मपरिवर्तन मंदिर तोड़ने हिंदुओं का नरसंहार इत्यादि विंदू सबूतो के साथ उपलब्ध है फिर इसने कोई शक ही नहीं मंदिर था या मस्जिद क्योंकि हर प्रमुख मंदिर को तोड़ा गया कुछ वापस जीर्णोधारित होते गाए कुछ पूर्णता परिवर्तित हो गए । विदेशी इतिहासकार व अनेको लेखकों के द्वारा सबूत के साथ ये सारी बातें लिखी व कही गयीं है परंतु selectivism के कारण court या शिक्षा या सरकार सब अपना agenda अपने व्यक्तिगत विचार के अनुसार ही सब कुछ करती है । राम के वंशज पर प्रश्न ही पूर्वाधिरित है फिर भी जयपुर की रानी व सांसद ने एक पत्रावलि प्रस्तुत की जो ३०७ पीढ़ी पुरानी सूर्यवंशी राजा कुश से जुड़ी है ।क्या मौजूद हैं राम के वंशज: जयपुर की राजकुमारी ने कहा- हॉं, हम हैं - Hindi News Opindia उम्मीद है जनता कभी तो इन बातों को समझेगी व जानेगी और देश को सही मायनों में आज़ादी दिलाएगी । जय श्री राम