कविता पढ़े राष्ट्रभक्ति पर यथार्थ विवेचना
भारत की स्वतंत्रता का अर्थ आज भारत से ही पूँछों ? फिर सोचो कौन हुआ स्वतंत्र ! व कौन कितना महान है । लाखों बलिदानियों ने बीते १४०० वर्षों में जो त्याग समर्पण की आहुतियाँ भारत माँ को अर्पित की है उसी से हमारा आज भी अस्तित्व है !
“जाग उठे अगर तो जागेगा हिंदुस्तान ,
अन्यथा सहस्त्रशताब्दियों से सोए हम है इसका संज्ञान ,
भविष्य ना संजोयेगा वो सबकुछ जो हमारे पास है ,
प्राशचित्त भी कैसे करोगे ,
जब पाप-पुण्य का ना कोई आधार है “