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मतलबी दुनिया- नारी विशेष( लघु -कहानी) भाग -2

4 अगस्त 2022

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ने शासन-प्रशासन अखबार न्यू से भी गुहार लगाई राजनेताओं तक भी बात पहुंचाई लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला।

अब आगे बताना चाहते हैं। कि गर्भवती( बुलबुल) को चारपाई पर चार कंधों पर रखकर है। ऊपर त्रिपाल( एक विशेष तरह की पन्नी जो बरसात से बचने के लिए)
सास और अन्य महिला भी साथ में चली दी।

जैसे तसे पक्की सड़क पर पहुंचाया गया। अब मुसीबत थी। हॉस्पिटल ले जाने के लिए साधन (वेन )की
एक व्यक्ति जाकर दूसरे गांव से जैसे-तैसे हॉस्पिटल ले जाने वाले साधन की व्यवस्था की गई।
जिसमें एक घंटा गुजर चुका था।

पक्के रोड से हॉस्पिटल की दूरी अभी 34 किलोमीटर बाकी थी। तथा सड़क भी जगह-जगह खुदी हुई थी।
जिससे गाड़ी से कट -कट बे धक-धक की आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

इधर बुलबुल के पेट का दर्द बढ़ता ही जा रहा था। जिससे उसके कहराने( दर्द भरी) आने की आवाज कुछ-कुछ सुनाई दे रही थी।


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रचनाएँ
मतलबी दुनिया- नारी विशेष
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इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी की बुलंदियों पर हम यूं ही बढ़ते जायेगे। " कभी मदर टरेसा तो कभी झांसी का रूप दिखायेगे। साथ ही पुरुषों की सोच बदलना जरूरी है। क्योंकि सोच कर सोचो वहीं नारी मां 'बहन ,बेटी के रूप में समाज परिवार मैं पुरुषों के बराबर भागीदारी निभा रही है ।अगर नारी नहीं रहेगी तो पुरुषों का अस्तित्व ही गायब हो जाएगा। पाठ विशेष- भारत में आंकड़ों(W.H.O) के आधार पर हर 5 मिनट में से एक मां की मृत्यु हो जाती है। सोच बदली, दुनिया बदली, हालात सुधरे, नहीं सुधरी तो केवल एक गांव की स्थिति- आइऐ ?कहानी के आधार पर पड़ते हैं।
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मतलबी दुनिया- नारी विशेष (लघु- कहानी) भाग-1

4 अगस्त 2022
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बरसात का मौसम था। छोटी- छोटी फुहारे आसमान से जमीन पर गिर रही थी। अकाशीय बिजली चमक रही थी। करीब-करीब शाम के 8:00 बज चुके थे। श्याम खाना- खाकर सोने वाला था। पड़ोस के घर से आवाज आई चारपाई पर लेटा

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मतलबी दुनिया- नारी विशेष( लघु -कहानी) भाग -2

4 अगस्त 2022
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ने शासन-प्रशासन अखबार न्यू से भी गुहार लगाई राजनेताओं तक भी बात पहुंचाई लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला।अब आगे बताना चाहते हैं। कि गर्भवती( बुलबुल) को चारपाई पर चार कंधों पर रखकर है। ऊपर त्रिपाल( एक

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मतलबी दुनिया - नारी विशेष (लघु कहानी) भाग -3

4 अगस्त 2022
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ड्राइवर द्वारा गाड़ी सरपट रोड पर चल रही थी। तकरीबन 1 घंटे बाद गाड़ी हॉस्पिटल पहुंच चुकी थी।प्रसूति कक्ष में भर्ती कराया गया अब तक 10:45 शाम का टाइम हो चुका था।गांव से हॉस्पिटल पहुंचने में 2 घंटे 45 मि

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मतलबी दुनिया - नारी विशेष (लघु कहानी) भाग- 4

4 अगस्त 2022
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साथ ही कम उम्र में बच्चे की मां बनने से ब्लड का रिसाव हो गया है।और फिर चारों तरफ से रोने-बिलखने का मातम सा छा गया।काली बादल छठ चुके थे ।बरसात भी बंद हो चुकी थी। शायद बरसात को भी बुलबुल की जिंदगी रास न

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मतलबी दुनिया - नारी विशेष (लघु कहानी) भाग- 5

4 अगस्त 2022
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1. बुलबुल के पिता की= जिन्होंने कम उम्र में अपनी बेटी की शादी कर दी। अपनी बेटी को पढ़ाना उचित नहीं समझा।2. मंगू के पिता की= मंगू को पढ़ाना उचित नहीं समझा।3. बुलबुल के पति की= जिन्होंने स्वयं पढ़ना तथा

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