ने शासन-प्रशासन अखबार न्यू से भी गुहार लगाई राजनेताओं तक भी बात पहुंचाई लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला।
अब आगे बताना चाहते हैं। कि गर्भवती( बुलबुल) को चारपाई पर चार कंधों पर रखकर है। ऊपर त्रिपाल( एक विशेष तरह की पन्नी जो बरसात से बचने के लिए)
सास और अन्य महिला भी साथ में चली दी।
जैसे तसे पक्की सड़क पर पहुंचाया गया। अब मुसीबत थी। हॉस्पिटल ले जाने के लिए साधन (वेन )की
एक व्यक्ति जाकर दूसरे गांव से जैसे-तैसे हॉस्पिटल ले जाने वाले साधन की व्यवस्था की गई।
जिसमें एक घंटा गुजर चुका था।
पक्के रोड से हॉस्पिटल की दूरी अभी 34 किलोमीटर बाकी थी। तथा सड़क भी जगह-जगह खुदी हुई थी।
जिससे गाड़ी से कट -कट बे धक-धक की आवाज साफ सुनाई दे रही थी।
इधर बुलबुल के पेट का दर्द बढ़ता ही जा रहा था। जिससे उसके कहराने( दर्द भरी) आने की आवाज कुछ-कुछ सुनाई दे रही थी।