लडके को मेरे पास लाओ अम्बर को मलका के हुजूर पेश किया गया अम्बर इसी मलका नफरीति का बेटा था माँ शाही लिबास मेँ और बेटा फटे कपड़ो मेँ नंगे पैर लकड़ी की गुलेल हाथो मेँ लिए खड़ा हुआ था
लेकिन खून आखिर खून होता हैँ मलका के खून ने भी एक बार उबाल मारा और बो उस अम्बर की नीली आँखो को देखने लगी
मलका माँ -तुम कौन हो
अम्बर -मेँ रीज़ाल अहराम बनाने बाले का बेटा हुँ मलका
मलका -तुम मलका की शाही सवारी को देख कर छुपे क्यों नहीं किया तुम्हे मालूम नहीं मलका की सवारी के बक्त जो कोइ भी बाहर होता हैँ उसे कत्ल कर दिया जाता हैँ
अम्बर -मुझे मालूम था मलका आलिया
मलका -तो फिर तुम मकान से बाहर क्यों आ गए
अम्बर -मेँ आपकी शाही सवारी देखने बाहर आ गया था मलका आलिया
मलका और अगर तुम को हमारे सिपाही कत्ल कर देते तो
अम्बर -तो मेँ उनका डट कर मुकाबला करता मलका आलिया
मलका के खून ने एक बार फिर उबाल मारा के इस किस का जबाब मिश्र का कोइ आम लड़का नहीं दे सकता क्यों की अम्बर का बो जबाब एक देलेराना जबाब था
मलका नफ़रीती सोच मेँ डूब गयी और फिर इतने मेँ ही फौज का सिपा सालार ने झुक कर अर्ज़ किया आप का महल मेँ इंतजार होता होगा मलका आलिया
मलका एक दम चौक कर होश मेँ आई.. हा. हा हा. शाही सवारी को चलने का हुक्म दिया जाये
फिर बो अम्बर की तरफ देख कर बोली लडके तुम्हारा नाम किया हैँ
अम्बर ने कहा.. अम्बर
मलका,, ठीक अब तुम जा सकते हो
अम्बर ने मलका को झुक कर सलाम किया और अपने मकान मेँ आ गया
और शाही सवारी भी चलदी
मलका अभी भी गहरी सोच मेँ डूबी हुई थी उसे अपना बेटा याद आ रहा था जिस को उस ने कत्ल होने से बचा ने के लिए दरया मेँ वहा दिया था
उस का दिल कह रहा था के उस का बेटा मरा नहीं जिन्दा हैँ
बो किसी ना किसी महिगीर के यहां परबरीश पा रहा होगा
मलका ने ख़ुफ़िया तौर अपने अपने बेटे को 10. साल तलाश करने की कोशिश की थी लेकिन बो कामयाब नहीं हो सकी
और अम्बर को देखने के बाद उसे ये ख्याल आया के कही अम्बर ही तो उस का बेटा नहीं
मगर ये कैसे हो सकता हैँ
अम्बर जैसे ही मकान मेँ घुसा गोगोश ने दरवाजा बंद कर दिया बो बहुत परेशान लग रहा था क्यों की अम्बर ने भी तो कमाल कर दिया बो मलका की शाही सवारी देखने बाहर आ गया था
ज़ब की अम्बर को मालूम था के इस जुर्म की सज़ा मौत हैँ
गोगोश ने अम्बर से कहा तुम पागल तो नहीं हो गए लडके किया तुम्हे मालूम नहीं था के बो तुम को हलाक कर देंगे
अम्बर-मालूम था लेकिन मेँ भी मुकाबले के लिए तयार हो कर गया था
गोगोश -लेकिन तुम अकेले शाही फौज का मुकाबला करते
अम्बर -कम से कम दो या चार को तो मार कर मरता चाचा
गोगोश ने माथे पर हाथ रख कर कहाखुदा का शुक्रहैँ के तुम वच गए बरना मेँ तुम्हारे बाप को किया मुँह दिखाता
अम्बर -शाही फौज मेँ इतनी हिम्मत नहीं चाचा जो बो मुझे मार सके मेँ एक बहादुर लड़का हुँ
गोगोश ने अपने सर पर हाथ रख कर अपनी आंखे बंद कर ली और खुदा का शुक्र करने लगा के अम्बर बच गया
गोगोश -अच्छा लडके तो ये बताओ मलका ने तुम से किया कहा
अम्बर -मलका ने मुझ से मेरा नाम पुछा और बाप का नाम पुछा औरपुछा तुम मकान से बाहर क्यों निकल आये
गोगोश -फिर तुम ने किया जबाब दिया
अम्बर फिर मेने कहा आपकी सवारी देखने आ गया मलका आलिया
फिर मलका ने कहा अगर मेरे सिपाही तुम को कत्ल कर देते तो
तो मेने कहा तो मेँ उन का डट कर मुकाबला करता
मलका -तुमएक बहादुर लडके हो अम्बर और अब तुम बापस अपने घर चले जाओ
गोगोश -या अल्लाह तेरा लाख लाख शुक्र हैँ जो तूने मलका के दिल मेँ रहम डाल दिया बरना पता नहीं आज किया से किया हो जाता
अच्छा लडके अब तुम यहां से अपने घर चले जाओऔर खबरदार आइंदा ऐसी जुर्रत फिर कभी नहीं करना
अम्बर ने गुलेल हाथो से फहराते हुए कहा मेँ तो मलका की सवारी देख ने घर से फिर निकल आऊंगा
गोगोश -बे बकूफ लडके जाता या नहीं यहाँ से मेँ आज ही तेरे बाप से शिकायत करूँगा
अम्बर मुस्कुराते हुए गोगोश के मकान से बाहर निकल गया
और बो सीधा वहा से अपने लंगोटिया यात कहर बान के घर आ गया उस का दोस्त कहर बान अम्बर से उम्र मेँ दो साल बड़ा था यानि.16. बर्ष का था
कहर बान पनीर बनाने बाले का लड़का था और उस ने अम्बर के कंधो पर हाथ से थप थपा ते हुए कहा अरे वहा ये काम तो तुमने बो किया जो मेँ खुद करना चाहता था
कहर बान तुम्हे पता हैँ मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश किया हैँ
अम्बर -किया हैँ
कहर बान यही के मेँ एक दिन शाही फौज का सिपेशालार बन जाऊ मेरे एक हाथ मेँ तलवार और दूसरे हाथ मेँ मेँ लोहे का हंटर हो और मेँ घोड़े पर सवार हो कर गुलामो के पास जाऊ और उनको जोर जोर से हंटर मारु
मगर कहर बान गुलामो पे जुल्म करना कोइ वहादुरी का काम नहीं मज़ा तो दुश्मनों के साथ बहादुरी से मुकाबला करने पर आता हैँ.. अम्बर ने कहा.
मगर मेरी तो यही ख्वाहिश हैँ भाई और तुम देखना मेँ एक दिन जरूर शाही फौज का कप्तान बनुगा
अम्बर मगर इस के लिए तुम्हे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन तुम्हार डील डोल इतना हैँ के तुम कप्तान बन सकते हो
कहर बान -अगर मेँ शाही फौज का कप्तान बन गया तो तुम को भी अपने साथ रखूंगा और दरयाये नील के किनारे एक शानदार महल बना कर दूंगा
अम्बर -मुझे तुम्हारे महल की जरूरत नहीं कहर बान मेँ अपना महल खुद बन बाउंगा
कहर बान अच्छा तो चलो हम दोनों अपना अपना महल खुद ही बन बाएंगे
तो अब चलो दरया किनारे चल कर मछलीय पकड़ते हैँ
और फिर दोनों दोस्त हाथो मेँ हाथ डाले दरया किनारे चल पड़े
अम्बर का घर..
दोपहर के खाने पर अम्बर अपने साथ मछलीय लाया
माँ ने कहा बेटे तुमने काफ़ी देर कर दी तुम्हरा बाप कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे था
अम्बर दूसरे कमरे मेँ गया तो उस का बाप रीजाल लकड़ी के कटोरे मेँ जैतून का तेल डाल रहा थाउस ने अम्बर को देख कर पुछा इतनी देर कहा करदी बेटे
अब्बा मेने आज मलकाये मिश्र से बाते की बूढ़े रीजाल के हाथो से कटोरा गिरते गिरते बचा
किया कहा
हा. अब्बा मेने मिश्र की मलका से बाते की हैँ और उस ने खुद मुझे बुलाया था
ये तुम किया कह रहे हो बेटे.अम्बर की माँ ने कमरे मेँ घुसते हुए कहा
दोनों मिया बीबी अम्बर की ये बात सुन कर हैरत मेँ पड़ गए थे
और अम्बर ने शाही सवारी का पूरा बक्या सुना दी या
और बो दोनों मिया बीबी बकए का एक एक लफ़्ज़ बहुत ही धियान से सुन रहे थे
अम्बर कह रहा था मलका ने मुझ से पुछा तुम्हरे बाप का किया नाम हैँ बेटे
बूढ़े रीज़ाल ने परेशान हो कर पुछा और फिर तुमने किया जबाब दिया अम्बर
मेने कहा मेरे अब्बू का नाम रीज़ाल हैँ और बो अहराम बनाते हैँ
रीज़ाल -मलका ने किया कहा
अम्बर कुछ नहीं असल बो मेरी बहादुरी पर बहुत खुश थी और फिर मलका ने मुझे जाने की इज़ाज़त दे दी
माँ ने कहा रब्बे अज़ीम तेरा लाख लाख शुक्र हैँ जो तूने ने मलका के हाथो से मेरे बेटे की जान बचाई
रीज़ाल -मलका ने तुम से और कुछ तो नहीं पुछा
अम्बर -नहीं मलका ने मेरा नाम पुछा और फिर चुप हो गयी
रीज़ाल -चुप हो गयी
अम्बर -हा अब्बा जान मुझे तो लग रहा था के बो कुछ सोच रही थी और बो मेरी तरफ बड़ी ध्यान से देख रही थी
रीज़ाल -नाम ही पुछा कुछ और तो नहीं पुछा
अम्बर -नहीं
बूढ़े रीज़ाल ने चैन की सांस ली
रीज़ाल -अच्छा अब चलो हाथ मुँह धो कर खाना खा लो
खाने के दौरान भी बूड़ा रीज़ाल यही सोचता रहा के कही मलका ने अपने बेटे को पहचान तो नहीं लिया
असल मेँ रीज़ाल ये नहीं चाहता था के मलका अम्बर को पहचाने बो ये सोचता था के अम्बर थोड़ा और बड़ा हो जाये तो मेँ खुद अम्बर को ले कर मलका की खिदमत मेँ पेश हो जाऊंगा
और फिर मेँ उसे बताऊंगा के अम्बर उस का शहज़ादा बेटा हैँ और दूसरी तरफ उसे ये भी डर था के कही बादशाह को इस का पता चला तो बो अम्बर को कत्ल ना करवा दे
इसी लिए बो कभी कभी ये भी सोचता के ज़ब तक बादशाह नहीं मर जाता तब तब इस राज़ को सिर्फ राज़ ही रहने दो
क्यों की अगर फिरोन मर जायेगा तो मेँ बहुत ही आसानी से मलका को ये बता दूंगा और फिर अम्बर की जिंदगी भी बड़ी आसानी से महफूज़ हो जाएगी
और फिर खाने के बाद अम्बर सो गया तो
रीज़ाल ने अपनी बीबी से कहा कही ऐसा तो नहीं हुआ के मलका ने अपने बेटे को पहचान लिया हो
उस की बीबी ने कहा भला ये कैसे हो सकता हैँ अम्बर की उम्र ज़ब एक दिन थी तब ही मलका ने अम्बर को दरया की लहरों के हवाले कर दिया था और अब 14 बर्ष बाद बो उसे कैसे पहचान सकती हैँ
रीज़ाल -मगर फिर भी मुझे डर हैँ के अगर मलका ने अम्बर को पहचान लिया हैँ तो बो जरूर उसे पाने की कोशिश करेंगी
अगर मलका अम्बर हम से बापस ले लियातो तो फिर जरूर बादशाह को इस का पता चल जायेगा और फिर बो मलका के साथ साथ हम दोनों को भी कत्ल करवा देगा
रीज़ाल की बीबी सोच मेँ पड़ गयी और कहने लगी रीज़ाल तुम बहम मेँ पड़ गए हो इतने बर्ष होने के बाद मलका कभी अम्बर को नहीं पहचान सकती
रीज़ाल -मगर बो माँ हैँ और माँ का खून जोश मार सकता हैँ
बीबी -जरा सोचो अगर उस ने अम्बर को पहचान भी लिया होगा तो बो अम्बर को कभी महल मेँ दुवारा बुलाने की गलती नहीं करेगी
उसे ये मालूम हैँ के इस तरह फिरोन को पता चल जायेगा और बो नुजुमियों की पेश गोई के मुताबिक जरूर कत्ल करवा देगा
और कोइ बड़ी बात नहीं के बो अम्बर के साथ साथ मलका को भी मरवा दे
रीज़ाल ये बात तो तुम ठीक कहती हो तो इस का मतलब अब हम को भी थोड़ा चौकन्ना रहना होगा
रीज़ाल तो किया ख्याल हैँ मेँ अम्बर को ले कर मलका की खिदमत मेँ हाजिर हो जाऊ किया
बीबी -किस लिए
रीज़ाल उसे शाही मोहर के साथ उस की अमानत बापस करने
बीबी खुदा के लिए ऐसी गलती कभी नहीं करना बरना हम के साथ हम और मलका सभी बादशाह के जुल्म का निशाना बन जायेंगे
रीज़ाल -तो इस का मतलब हैँ के हमें हर हाल मेँ फिरोन के मरने का इंतजार करना होगा
बीबी -हा इसी मेँ हम सब की भलाई हैँ
दोस्तों आज का पार्ट बस इतना ही और फिर आगे मिलते हैँ कल एक नए एपिसोड से के साथ और देखते हैँ किस तरह मलका अपने बेटे अम्बर को तलाश करेंगी और किया बादशाह को इस का पता चलेगा या नहीं
Good bye....