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मेरा धर्म

20 नवम्बर 2015

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featured imageचाँद खड़ा था छत पर अपने,हमको भी दीदार हुआ । पंडित बोलें है शनिवार,मैं बोला मेरा ईद हुआ । धर्म-जाति के बंधन को,मन तोड़ कबीरा मस्त हुआ । चल अब हम दुख-दर्द बँटायें,यही हमारा धर्म हुआ ॥
रवीश कुमार

रवीश कुमार

मित्रों "मेरा धर्म" आप लोगों को पसन्द आया हार्दिक अभिनन्दन |

22 नवम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

बहुत खूब, रवीश जी !

21 नवम्बर 2015

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