हां एक तरफ पीएम मोदी पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं। वहीं उनके ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी में खुले में एक शख्स को लघु शंका करते देखा गया। लेकिन वाराणसी में इस अभियान के तहत इस शख्स को तगड़ी सजा दी गई। गौरतलब है कि नगर निगम दस्ते में शामिल अधिकारी सड़कों पर लघु शंका करने वालों को पेनल्टी के साथ-साथ सरे बाजार उठक बैठक करवा रहे हैं
सजा में उठक-बैठक करवा रहे हैं अधिकारी
नगर निगम के नोडल अधिकारी अवनीश इस शख्स को उठक बैठक करवा रहे हैं। ये नजारा वाराणसी के लहुराबीर चौराहे का है। पहले तो नगर निगम ने इस कारनामे का वीडियो और फोटो खुद नगर निगम के व्हॉट्स एप नंबर पर डाला लेकिन जब ये मामला तूल पकड़ने लगा तो नगर निगम इस बात से टालमटोल करने लगा। क्या कहा नगर आयुक्त और नोडल अधिकारी ने?
वहीं, मीडिया ने नगर निगम दफ्तर पहुंच कर नगर आयुक्त को इस कारनामे पर घेरा, जहां नगर निगम का बेतुका बयान सामने आया। नगर निगम के आयुक्त हरिप्रताप शाही का कहना था कि उस व्यक्ति को लघु शंका करते हुए पकड़ा गया था। लेकिन उसने जुर्माने की जगह खुद ही उठक बैठक करने के लिए कहा। यही नहीं, उठक बैठक करवा रहे नोडल अधिकारी अवनीश सिंह ने कहा कि व्यक्ति मानसिक तौर पर बीमार था। जबकि वीडियो कुछ और ही बयां कर रही है।
क्या स्थिति है शौचालय की?
उल् लेख नीय है कि नगर निगम आयुक्त के मुताबिक कहीं भी ऐसी सजा का कोई प्रावधान नहीं है। क्योंकि शहर में अभी प्रर्याप्त शौचालय नहीं है तो ऐसे में अधिकारियों को ऐसी सजा देने का तुगलकी तरीका बिल्कुल गलत है। ये भी पढ़ें:वाराणसी: डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे केशव को गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं से पुलिस ने बचाया