गुजरती जिन्दगी के सारे लम्हेखूबसूरत ना हो सके तो क्या हुआ... कुछ यादगार लम्हों को हीजिन्दगी की सफलता समझो...-दिनेश कुमार कीर
"आंखें रोती भी है और आंखें हंसती भी है,आंखें सोती भी है और आंखें जागती भी है,आंखें आंखों से इशारों में बोलती भी है,आंखें आंखों से भला - बुरा देखती भी है..."-दिनेश कुमार कीर