काश ये क़यामत थोड़ा पहले आती, ख़ुदा की कसम कोई बात बन जाती, अपनी आँखों में होती चमक सितारों की, ज़िन्दगी किस कदर बदल जाती । यूँही फिरते रहे अंधेरों में, बेसबब, बेपरवाह यूँही एकाकी, दीप जलाने का होश
चलो प्रिये तुमको मैं, संगीत के क्षण तक ले चलूं रूप में भीगे तेरे मन को, मैं गीत के मन तक ले चलूं जीवन रूप बदल दूं तेरा, बदलूं मैं अंबर ये चितेरा धरा मैं बदलूं, सागर बदलूं, बदलूं मैं सूरज का सवेरा
हमे भी मोहब्बत है, तुम्हे भी मोहब्बत है।ये कैसी बेवफाई है,जो दोनों की हैना तुम बता सके ना हम सुन सकेकिसी और को सुनाते सुनाते ,किसी के न रह सके।
अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत
कौन कहता है, सो रहा है शहर, कितने किस्से तो कह रहा है शहर। किसी मजलूम का मासूम दिल टूटा होगा, कितना संजीदा है, कितना रो रहा है शहर। ये सैलाब किसी दरिया की पेशकश नहीं, अपने ही आँसुओं में बह
वो कौन है जिसका नसीब है । वो कौन है जिसका करीब है ।। खिलखिलाता जीवन जरीब है। उदास चेहरा बदनसीब है ।। बिन यारी रहना तरकीब है । वो अमीर नही गरीब है ।। लगे अपनो जैसा रकीब है। उनका दर्द छुए जैस
"साढा चिड़िया दा चम्बा है बाबल अंसा उडड जाना।साढी लम्बी उडारी वे ।के मुड़ असा नहीं आना...."संगीता पड़ोस में किसी लड़की की शादी में हल्दी की रस्म हो रही था वहां बैठी ये गीत सुन कर भाव विभोर हो गयी। क्य
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस पहली बार 30 जुलाई 1958 को विश्व मैत्री धर्मयुद्ध ने प्रस्तावित किया था. ,यह एक अंतरराष्ट्रीय नागरिक संगठन है। . इसके बाद साल 2011 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने आधिकारिक रूप
अजब सी है यारी हमारी कभी होती है कड़वी तो कभी फूल से भी प्यारीज़िन्दगी के इन सालों में कुछ रिश्ते हैं ऐसे बुनेजैसे काँटों में से हमने हैं फूल चुनेयारों ने दी इस दिल को कुछ ऐसी खुशीजिसका रहेग
फ्रेंडशिप डे एक विशेष दिन है जो मित्रता का जश्न मनाने के लिए समर्पित होता है। यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग दिनों पर मनाया जाता है, लेकिन आम तौर पर यह दिन अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है।इस द
नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं। थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा। &nb
रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया
रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय
बहूत ख़ुशनसीब होंगे वो दीवाने, जिन्हें तुम्हारी मुस्कान मिल जाती होगी ।। उनकी शाम मस्तानी होती होगी, जिन्हें तुम्हारी एक झलक दिख जाती होगी ।। देख तुम्हे यूँ मुझे लगता है, तुम वो फूल हो जिसे पा
तुम करोगे यूँ किनारा हमने सोचा ना था करा के दिल क़ो चाहत अपनी यूँ बदल जाओगे हमने ऐसा सोचा ना था। तुम जानो मज़बूरी हैं, या कोई लाचारी तुम्हारी हमें इस तरह से भूल जाने की आदत हैं या अदा हैं तुम्हारी देखके
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घोषणा की है कि भारतीय डिग्रियों को अब ऑस्ट्रेलिया में मान्यता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा योग्यता
पहली मुलाकात कशिश जो कि एक फोटोग्राफर है। वह उज्जैन की नदी के किनारे फोटो ले रही थी तभी वह देखती है कि एक लड़का मदहोश होकर नदी के गहराइयों के बीच जाता जा रहा था उसे अपना हो
नमस्कार दोस्त , फिर से हाजिर हु आप के लिए नई रचना लेकर - आज की इस रचना को विषय है बचपन की दोस्ती , ऐ विषय और टैग मेरा बहुत पसंदीदा विषय है , इस विषय पे मेरी एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है " लंगोटिया
यह कहानी समाज में हो रहे बदलाव पर आधार बिंदुओं को चिंहीत करता हैं। कहानी का फैक्ट मुल बिंदु से अलग है, कहानी के मुख्य पात्र में भिन्नता हैं ,सौरभ जो कि स्वभाव से प्रेक्टिकल हैं। वो चाहता हैं कि जो लड़क
मित्रता दिवस स्पेशल साथियों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी के जीवन में बाकि सभी रिश्ते तो हमारे जन्म से ही निर्धारित हों जातें हैं। और जैसे जैसे हम बड़े होते हैं वैसे वैसे रिश्ते बनते और बि