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Mai hamesha khush rahana chahata hu.......

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आ सजा दूँ

29 दिसम्बर 2016
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आ सजा दूँआ सजा दूँ।काजल सी काली दागदे कर आँखों को आगमन को मन में भर करकर को कर में कर-कर ,परसजकर, सजाकर ,संवर कर,मन को हो भारी संताप ,कह करआ सजा दूँ।आ सजा दूँ।रूप, कुरूप मनऔर करके मिलन तनहो आए तृप्त जीवन,परबुझ कर, बुझा कर ,बूझ करमन को हो भारी संताप,कह करआ सजा दूँ।आ सजा दूँ।जीवन, अपनी तालों और लय सेप

चाँद बुलाये री ।

29 दिसम्बर 2016
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चाँद बुलाये री ।अरमान बुलाये री।मन इस तन काअमन गगन काचाँद और चांदनी काएहसान बुलाये री।चाँद...तुम थे कल 'पर' परआकर आँगन घरस्नेहल बरखा, बरसा करमुक्त मगन मन हर्षाकर, हो कहाँ तुम्हें घर की सोपान बुलाये री।चाँद...रहते हो पास मन केबन कर एहसास जीवन केमन से मन का तार, जोहो कर जार-जार व मेरीअधरों का भार बुला

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