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मुसाफिर

18 जनवरी 2022

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रचनाएँ
मैं अनपढ़ तू मत पढ़
5.0
इस किताब में आपको मेरी कुछ रचनाओं का संकलन मिलेगा मैने इस पुस्तक में अपना परिचय , प्रेम, वियोग, फिर खड़े होकर लडना, वैराग्य और बुढ़ापे तक के जीवन की कल्पना करके लिखा है आशा है आप सब को पंसद आएगी और सबसे महत्वपूर्ण मेरे आराध्य श्री राम के लिए भी कुछ लिखा गया है आज तक जो कुछ टूटा फूटा लिख पाया हूँ वो सब इस पुस्तक में है मैं किसी भी रचना में किसी भी धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुचाना चाहता हूँ धन्यवाद🙏💕 आप सभी पाठक पढकर समीक्षा दीजिएगा
1

मेरा परिचय

7 सितम्बर 2021
46
21
23

<h5><em><strong>साधारण सा परिचय मेरा ना कोई बात लम्बी </strong></em></h5> <h5><em><strong>ना हू

2

सीख लो

7 सितम्बर 2021
17
16
7

<h6><em><strong>गमों में मुस्कराना सीख लो</strong></em></h6> <h6><em><strong>अपने आंखों के आसूओ को आ

3

बचपन

7 सितम्बर 2021
20
19
2

<h6><em><strong>मुझे मेरे बचपन के दिन याद आ रहे है </strong></em></h6> <h6><em><strong>आँगन मे

4

कण - कण में रहते हैं मेरे राम

7 सितम्बर 2021
27
20
12

<blockquote><strong>कण कण मे बसते है भगवान <br> कण कण मे रहते है मेरे राम <br> <br> जीवन जय अविराम

5

तुुलसीदास का जीवन परिचय काव्य रूप में

11 सितम्बर 2021
14
8
2

<p>तुलसीदास का परिचय काव्य रूप मे <br> <br> राजापुर गाव मे था जन्मा 1589 सन वो था <br> जब प्रभु ने

6

शारदे वन्दना

11 सितम्बर 2021
6
6
2

<blockquote><strong>शारदे वर दे और जगा दे मुझे <br> बहुतों की नैया सवारी तूने <br> मुझ पापी पर इतना

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मुसाफिर

18 जनवरी 2022
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विधा - गीत  विषय - मुसाफिर जाग मुसाफिर मुसाफिर जाग मुसाफिर राह कठिन जब आएगी तब तेरे पग भी डोलेगे  थक जाएगें बैठकर तुझसे अब मत चल यह बोलेगे  हिम्मत अपनी बांध खडा हो ताकना अपनी राह मुसाफिर  जा

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