6 अक्टूबर 2022
हे नारी! तेरे रूप अनेक,तू सृष्टि का आधार है एक,माँ बनकर तू सृष्टि चलाती,मानवता पर उपकार कर जाती।पत्नी बन परिवार चलाती,बेटी बन दुलार दिखलाती,बहू रूप में आदर्श हो जाती,उस घर को है स्वर्ग बनाती।बहना बनकर