ऐ नादान परिेदे तुझे चलना ही होगा
गिर गिरकर उठना और संभलना ही होगा
रुकावटें आऐंगी तेरे रास्ते में बहुत सी
लोग टोकेंगे तुझे रोकेगें तुझे
फिर भी ना हार मानो तुम तुम्हें संघर्ष पथ पर चलना ही होगा
माना लाख तारें हैं आसमा में मगर लेकिन तुम्हें चाँद सा चमकना ही होगा
जिस दिन सफल होगें तुम उस दिन तुम्हारे पीछे एक कारवां होगा
ऐ नादान परिेदे तुझे चलना ही होगा
माना दयनीय स्थिति है तुम्हारी मुश्किलों से ना उबर पाने की आदत है तुम्हारी
पर तुम्हें इन आदतों से उबरना ही होगा
करो श्रम तुम हार ना मानों जिंदगी बड़ी है कोई अपवाद ना मानो
मत सोंचो कि कुछ कर ना पाऐंगे गिर गिरकर उठेंगे और फिर गिर जाऐंगे
एे नादान परिेदे तुझे चलना ही होगा
एक दिन तुम्हारा भी सुहाना सा होगा धैर्य रखो इक दिन भाग्योदय तुम्हारा भी होगा
गंगा जैसी पावन और बापू गांधी जैसे नेक बनो तुम
कर सुकर्म लाखो में एक बनो तुम
श्रम की आग में तुम्हे जलना ही होगा कोयले से हीरा तुम्हे बनना ही होगा
ऐ नादान परिंदे तुम्हे चलना ही होगा
गिर गिरकर उठना और संभलना ही होगा ।