shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

निशान्त पन्त -निशु- की डायरी

निशान्त पन्त -निशु-

3 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

 

nishant pant nishu ki dir

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

भोले बाबा - कविता

1 सितम्बर 2016
0
7
2

भोले बाबातू ही शून्य है, तू ही सत्य हैबाकि सब कुछ झूठ है।भोले बाबा तेरे दरबार में,ही सब कष्टों से छूट है।तू ही जीवन है, तू ही मृत्यु।तू ही सबका पालनहार है।जो भी भजता तेरा नाम,पूरे होते उसके काम हैं।पी कर हलाहल बाबा तुमने,देव जनों के कष्ट हरे।कर तांडव तुमने बाबा,दुष्टों के भी प्राण हरे।तुम ही आदि हो,

2

बेटी

21 सितम्बर 2016
0
2
0

बेटीयह कविता देश की दोनों बेटियों को समर्पित है जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीतकर देश का मान सम्मान बढ़ाया है एवं उन लोगों के लिये कटाक्ष है जो कन्या भ्रूण हत्या कर देते हैं, या बेटी होने पर उपेक्षा करते हैं।जन्म लिया कन्या ने घर में, सन्नाटा पसर गया।माँ-बाप, दादा-दादी का सपना बिखर गया।चाहत थी सबको बेटे

3

माँ

16 अक्टूबर 2016
0
1
1

यह कविता मैंने मातृदिवस के उपलक्ष्य में मई २०१६ में लिखी थी।नौं माह गर्भ में रख कर,रक्त से अपने पोषित कर,कड़ी वेदना सह कर भी,नव जीवन का निर्माण किया।हम कर्जदार है उस माँ के,जिसने हमको जन्म दिया।दुनिया में आकर शिशु ने,जो पहला शब्द उदघोष् किया,वो करता इंगित उस स्त्री को,जिसने हमको जन्म दिया।"माँ" शब्द

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए