नितिश ओझा
नितिश की पहली किताब 'एक आग़ाज़' 2018 में आयी थी और आते ही अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की बेस्टसेलर सूची में आ गयी, ये अपना प्रचार खुद ही करते हैं बस अपना स्टेटस खुद लाईक नहीं करते हैं, इन्होंने एनआईटी इलाहाबाद से बीटेक किया है, बैंगलोर में जॉब करते हैं, फेसबुक और इंस्टाग्राम पे हज़ारों लोग इन्हें आगाज़ के नाम से रोज़ पढ़ते हैं और अपने चिरपरिचित अंदाज़ में ये उनसे बस इतना कहते हैं… इस दुनिया में अपना मुकाम बस कुछ इतना सा रखना, कि कोई पूछे तुम क्या हो, तो कहना गूगल कर लेना ।
Ek आग़ाज़
शायद सबसे अच्छी तस्वीरें वो होती हैं, जिन्हें हम फेसबुक पे नहीं लगा सकते. उस पुराने एल्बम को देखते हुए लगा, हम कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला, मतलब डर तो पापा से आज भी लगता है, पर वो अब डाँटते नहीं हैं, मम्मी को मेरी फिक्र आज भी है, पर अब वो उतने सवाल
Ek आग़ाज़
शायद सबसे अच्छी तस्वीरें वो होती हैं, जिन्हें हम फेसबुक पे नहीं लगा सकते. उस पुराने एल्बम को देखते हुए लगा, हम कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला, मतलब डर तो पापा से आज भी लगता है, पर वो अब डाँटते नहीं हैं, मम्मी को मेरी फिक्र आज भी है, पर अब वो उतने सवाल
7 किरदार
एक फिल्म थी 'रहना है तेरे दिल में', उसके पहले ही सीन में आर माधवन बड़े टशन में कहते हैं, you know what, मैकेनिकल इंजीनियर में ना एक स्पार्क होनी चाहिए, 'फायर' और ये कहते कहते वो माचिस की तीली से अपनी सिगरेट जला लेते हैं, ये किस्सा भी इसी स्पार्क का है
7 किरदार
एक फिल्म थी 'रहना है तेरे दिल में', उसके पहले ही सीन में आर माधवन बड़े टशन में कहते हैं, you know what, मैकेनिकल इंजीनियर में ना एक स्पार्क होनी चाहिए, 'फायर' और ये कहते कहते वो माचिस की तीली से अपनी सिगरेट जला लेते हैं, ये किस्सा भी इसी स्पार्क का है