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पंकज प्रियम के बारे में

http://pankajpriyam.blogspot.com -मुसाफ़िर हूँ मैं लफ़्ज़ों का ख़ुद से बंधा,नियम हूँ मैं। लफ्ज़ समंदर,लहराता शब्दों से सधा,स्वयं हूँ मैं। साहित्य सृजन,सरिता प्रेम-पथिक,"प्रियम" हूँ मैं। ******************** वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर कवि, लेखक और पत्रकार पिछले दो दशक से लेखन और पत्रकारिता से जुड़े कवि लेखक और पत्रकार। मंच सञ्चालक, पटकथा लेखक, वॉयसओवर आर्टिस्ट, इवेंट ऑर्गनाइजर, मीडिया मैनेजर। प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा के समय से ही कविता, गज़ल, नाटक, कहानी, लेख और निबन्ध लिखते रहे हैं। बचपन में रंगमंच पर भी अभिनय के लिए कई बार पुरस्कृत। विभिन्न विधाओं में सैकड़ों रचनाएं देशभर की पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित। वर्ष 2001 से सक्रिय पत्रकारिता:-रांची एक्सप्रेस, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान, तरंगभारती, प्राइमरिपोर्ट, आकाशवाणी, ईटीवी, साधना, महुआ जैसे राष्ट्रीय व  क्षेत्रीय न्यूज चैनलों में कार्य का अनुभव। 'बिगुल आजकल' पत्रिका के प्रधान-संपादक। सम्प्रति झारखण्ड सरकार में संचार सलाहकार के रूप में कार्यरत और विभागीय पत्रिका "स्वच्छता प्रहरी" का संपादक । इसके अलावा कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन। कई डॉक्यूमेंट्री और लघु फ़िल्मों का निर्माण। स्थानीय फीचर फिल्मों के लिए भी लेखन और जनसम्पर्क कार्य। आकाशवाणी, रांची के समाचार एकांश में आ.संपादक, दूरदर्शन और रेडियो पर शोध-पत्र जारी। अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन, काव्य पाठ और मंच संचालन में भी सक्रिय भागीदारी।  संस्थापक अध्यक्ष "साहित्योदय"-साहित्य कला-संगम प्रधान संपादक- साहित्योदय पत्रिका(त्रैमासिक) कोरोनाकाल को साहित्य सृजन और आयोजन काल में तब्दील कर पूरी दुनिया के रचनाकारों को जोड़कर विशाल मंच देने का पहला श्रेय जाता हैं। मार्च से अबतक दुनियाभर के करीब 2 हजार लोगों का ऑनलाइन काव्यपाठ, चर्चा-गोष्ठी, परिचर्चा, कवि सम्मेलन, प्रतियोगिता और सम्मान समारोह का आयोज

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कौन सी घटना बनती है बड़ी ख़बर और कौन रह जाती है गुमनाम? कौन सी ख़बर बनती है ब्रेकिंग और कौन किसको करता है बदनाम? जिन्दगी-मौत,सरकार-सिस्टम, सियासत और मीडिया की अनकही अनसुनी लघुकथा- कहानियों का संग्रह है "बड़ी ख़बर"। जिन्दगी की छोटी-छोटी मामूली सी लगने वाली

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