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नमस्ते..मित्रों आज की मेरी कहानी हें बेरोजगारी ही आत्महत्या हें.. इस एक वाक्य मे हर उस व्यक्ति की कहानी हें जो अपनी जुबा से कह नहीं सकता पर उसकी आखों और उन आँखों से निकलते उन आसुओं की कहानी बया करती ह