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आज हर तरफ एक आम इंसान परेशान है " खाने से लेकर सोने तक को उसे सोचना पड़ रहा है और फिर भी हम सुबह के चाय से लेकर शाम को सब्जी लेने जब भी जाते है । बस हमारे दिमाग से लेकर जुबान पर एक ही शब्द होता है और
निया निया उठना नही है दस बजने वाले है वो लोग किसी भी टाइम आते होंगे उठ जा बच्चा नहीं तो लेट हो जाएगा बोल कर बाहर चली गई ।। आधे घंटे बाद .....….! निया आधे घंटे हो गए तुम अभी भी सो रही हो हद होती है स