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कवि कृष्णा नन्द तिवारी के दोहे !

1 सितम्बर 2017

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कवि कृष्णा नन्द तिवारी के दोहे !

हर दोहा कुछ कहता है !

१- अगर मान लो हार है , अगर ठान लो जीत !
सब कुछ निर्भर सोच पर , सुन मेरे मन मीत !!

२- करे नियंत्रण क्रोध पर , गिर सकती है साख !
बना बनाया हो सके , पल भर में ही राख !!

३- प्रायश्चित करना पड़े , हम को उम्र तमाम !
भूले से भी ना करे , ऐसा कोई काम !!

४- सही आदमी को सदा , सही दीजिये काम !
तभी मिलेगा आपको , मनचाहा परिणाम !!

५- बुरे वक्त के वास्ते , रहे सदा तैयार !
पता नहीं कब वक्त का , पड़ जाए कब मार !!

६- समझौते से ही सदा , होते देखे काम !
बचे व्यर्थ टकराव से , मिले सुखद परिणाम !!

७- जितना सच उतना कहे , रखे सदा यह याद !
बड़ी बड़ाई ना करे , पछताए जो बाद !!

८- उचित बात करिये सदा , अनुचित से परहेज !
समझदार होना सही , बने अधिक मत तेज !!

९- बेशक कितने भी बुरे , हो जाए हालात !!
आपा मत खोये कभी , रहे सदा यह ज्ञात !!

१०- गुस्से से होता सदा , खुद का ही नुक़सान !
तोड़ रहे है क्रोध में , घर का ही सामान !!

११- झूठ , कपट ,छल से बचे , करे न व्यर्थ प्रलाप !
फुर्सत हो तो सोचिए , कहाँ गलत थे आप !!

कवि कृष्णा नन्द तिवारी !!
9999666503

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कवि कृष्णा नन्द तिवारी के दोहे !हर दोहा कुछ कहता है !१- अगर मान लो हार है , अगर ठान लो जीत !सब कुछ निर्भर सोच पर , सुन मेरे मन मीत !!२- करे नियंत्रण क्रोध पर , गिर सकती है साख !बना बनाया हो सके , पल भर में ही राख !!३- प्रायश्चित करना पड़े , हम को उम्र तमाम !भूले से भी ना करे , ऐसा कोई काम !!४- सही आद

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