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प्राचीन बजरंग बाण

18 अगस्त 2024

2 बार देखा गया 2

यह बजरंग बाण प्राचीन पाण्डुलिपियों के आधार पर पाठ

संशोधनपूर्वक प्रस्तुत किया जा रहा है । साधकों मेंप्रसिद्ध

गोकुलभवन अयोध्या के श्रीराममंगलदास जी महाराज के यहाँ

से प्रकाशित पुस्तक तथा बीकानेर लाइब्रेरीकी

पाण्डुलिपियों का सहयोग इसके स्वरूप प्रस्तुति में मूल कारण है

। बाज़ार में उपलब्ध बजरंगबाण में २१चौपाइयांछूटी हुई हैं । जिनमें

दैन्यभाव की झलक के साथ इसके अनुष्ठान का दिग्दर्शन होता

है ।– TulasiDas जी महlराज

बजरंगबाण का यह पाठक्रम प्रामाणिकऔर अनुभूत है । उपलब्ध

पुस्तकों में लगभग २१ चौपाइयाँ छूटी हुई हैं ।


निश्चय प्रेम प्रतीति ते,

विनय करैं सनमान ।

तेहि के कारज सकल शुभ,

सिद्ध करैं हनुमान ।।

जय हनुमन्त सन्त हितकारी ।

सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ।।

जन के काज विलम्ब न कीजै ।

आतुर दौरि महा सुख दीजै

।।२।।

जैसे कूदि सिन्धु महि पारा ।

सुरसा बदन पैठि विस्तारा ।।

आगे जाय लंकिनी रोका ।

मारेहु लात गई सुर लोका

।।४।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा ।

सीता निरखि परम पद लीन्हा

।।बाग उजारि सिन्धु मंह बोरा ।

अति आतुर यम कातर तोरा

।।६।।

अक्षय कुमार को मारिसंहारा ।

लूम लपेटि लंक को जारा ।।

लाह समान लंक जरि गई ।

जै जै धुनि सुर पुर में भई ।।८।।

अब विलंब केहि कारण स्वामी ।

कृपा करहु प्रभु अन्तर्यामी ।।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ।

आतुरहोई दुख करहु निपाता ।।१०।।

जै गिरधर जै जै सुख सागर ।

सुर समूह समरथ भट नागर ।।

ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले ।

बैिरहिं मारू बज्र के कीलै ।।१२।।

गदा बज्र तै बैरिहीं मारो ।

महाराज निज दास उबारो ।।

सुनि हंकार हुंकार दै धावो ।

बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो

।।१४।।

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा ।

ॐ हुँ हुँ हुँ हनु अरि उर शीशा ।।

सत्य होहु हरि शपथ पायके ।

राम दुत धरू मारू धायके ।।१६।।

जै हनुमन्त अनन्त अगाधा ।

दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।

पूजा जप तप नेम अचारा ।

नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ।।१८।।

वन उपवन मग गिरि गृह माहीं

। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं ।।

पाँय परौं कर जोरि मनावौं । अपने काज लागि गुण गावौं ।।

२०।

।जय अंजनि कुमार बलवन्ता

। शंकर सुवन वीर हनुमन्ता ।।

बदन कराल काल कुल घालक ।

राम सहाय सदा प्रतिपालक ।।२२।

।भूत प्रेत पिशाच निशाचर

। अग्नि बैताल काल मारी

मर ।।

इन्हें मारु तोहि शपथ राम की ।

राखुनाथ मर्जाद नाम की ।।२४।

।जनकसुतापति-दास कहावौ ।

ताकी शपथ विलम्ब न लावौ ।

।जय जय जय धुनि होत अकाशा ।

सुमिरत होत दुसहु दुःख नाशा ।।२६।

।चरन पकरि कर जोरि मनावौं |

एहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।

।उठु-उठु चलु तोहि राम दोहाई

पाँय परौं कर जोरि मनाई ।।२८।

।ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता

। ॐ हनु हनुहनु हनु हनु हनुमंता ।

।ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल ।

ॐ सं सं सहमि पराने खलदल ।।३०।।

अपने जन को तुरत उबारौ ।

सुमिरत होतअनन्द हमारौ ।

।ताते विनती करौं पुकारी ।

हरहु सकल प्रभु विपति हमारी ।।३२।

।ऐसो प्रबल प्रभाव प्रभु तोरा ।

कस नहरहु दुःख संकट मोरा ।।

हे बजरंग, बाण सम धावो ।

मेटि सकल दुःख दरस दिखावो ।।३४।।

हे कपिराज काज कब ऐहौ ।

अवसर चूकि अन्त पछितैहौ ।।

जन की लाज जात ऐहि बारा ।

धावहु हे कपि पवन कुमारा ।।३६।।

जयति जयति जय जय हनुमाना ।

जयति जयति गुणज्ञान निधाना ।।

जयति जयति जय जय कपिराई ।

जयति जयतिजय जय सुखदाई ।।३८।।

जयति जयति जय राम पियारे ।

जयति जयति जय सिया दुलारे ।।

जयति जयति मुद मंगलदाता ।।

जयति जयति त्रिभुवन विख्याता ।।४०।।

यहि प्रकार गावत गुण शेषा ।

पावत पार नहीं लवलेषा ।।

राम रूप सर्वत्र समाना ।

देखत रहत सदा हर्षाना ।।४२।।

विधि शारदा सहित दिनराती ।

गावत कपि के गुण गण पांती ।।

तुम सम नही जगत् बलवाना ।

करि विचारदेखेउं विधि नाना ।।४४।।

यह जिय जानि शरण तव आई ।

ताते विनय करौं चित लाई ।।

सुनि कपि आरत वचन हमारे ।

मेटहु सकलदुःख भ्रम सारे ।।४६।।

यहि प्रकार विनती कपि केरी ।

जो जन करै लहै सुख ढेरी ।।

याके पढ़त वीर हनुमाना ।

धावत बाण तुल्य बलवाना ।।४८।।

मेटत आय दुःख क्षण मांहीं ।

दै दर्शन रघुपति ढिग जाहीं ।।

पाठ करै बजरंग बाण की ।

हनुमत रक्षाकरै प्राण की ।।५०।।

डीठ, मूठ, टोनादिक नासै ।

परकृत यंत्र मंत्र नहीं त्रासे ।।

भैरवादि सुर करै मिताई ।

आयसु मानि करैं सेवकाई ।।५२।।

प्रण करि पाठ करैं मन लाई ।

अल्प-मृत्यु ग्रह दोष नसाई ।।

आवृति ग्यारह प्रतिदिन जापै ।

ताकी छाँह काल नहिं चांपै ।।५४।।

दै गूगल की धूप हमेशा।

करै पाठ तन मिटै कलेशा ।।

यह बजरंग बाण जेहि मारै ।

ताहि कहौ फिर कौन उबारै ।।५६।।

शत्रु समूह मिटै सब आपै ।

देखत ताहिसुरासुर काँपै ।।

तेज प्रताप बुद्धि अधिकाई ।

रहै सदा कपिराज सहाई ।।५८।।

प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै।

सदा धरैं उर ध्यान ।।

तेहि के कारज तुरत ही,

सिद्ध करैं हनुमान ।।

इति श्रीगोस्वामितुलसीदासविरचितः बजरंगबाणः

🙏🙏🔱🔱📿📿🕉🕉

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रचनाएँ
स्तुति संग्रह
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इस पुस्तक में वेद पुराण संहिता आदि से लेकर भगवान नारायण माता लक्ष्मी राधा कृष्ण सीताराम सहित अन्य देवी देवताओं की स्तुतियों का संग्रह किया है जिससे हमारे सभी सनातन प्रेमियों तक यह ज्ञान पहुंच सके जय श्रीमन्नारायण
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लघु श्रीराम रक्षा स्तोत्र

28 अगस्त 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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राधा कृपा कटाक्ष

13 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

3

श्रीगोपाल स्तुति

15 सितम्बर 2021
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<p>।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।</p> <p><br></p> <p> नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।</p>

4

श्री वामन स्तोत्र

17 सितम्बर 2021
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<p>*‼️ वामन स्तोत्र ‼️*</p> <p><br></p> <p>अव्यादो वामनो यस्य कौतुभ प्रतिबिंबता ।</p> <p>कौतुकालोकिन

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माता दुर्गा के बत्तीस नाम

27 सितम्बर 2021
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<p>|| *देवी महात्म्यं द्वात्रिशन्नामावलि* ||❤🙏</p> <p><br></p> <p>दुर्गा दुर्गार्ति शमनी दुर्गापद्व

6

माँ कामाख्या स्तोत्र

28 सितम्बर 2021
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<p>माँ कामाख्या स्तोत्र</p> <p>〰️〰️🌼🌼〰️〰️</p> <p>आज हर व्यक्ति उन्नति, यश, वैभव, कीर्ति, धन-संपदा

7

श्रीदुर्गा अष्टोत्तरशत नामावली

5 अक्टूबर 2021
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<p>श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्</p> <p><br></p> <p>ईश्वर उवाच</p> <p> </p> <p>शतनाम प्रवक्ष

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श्रीदुर्गा स्तुति

9 अक्टूबर 2021
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<p><br></p> <p><br></p> <p> &

9

श्रीदुर्गाआपदुद्धास्तोत्र

10 अक्टूबर 2021
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<p>*‼️दुर्गापदुद्धारस्तोत्र ‼️*</p> <p><br></p> <p> *नमष्चण्डिकाये*</p> <p><br></p> <p>नम

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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र

14 अक्टूबर 2021
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<p>|| महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम ||❤🙏</p> <p><br></p> <p>अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि

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श्री तुलसी कवच , चालीसा स्तोत्र पूजन विधि

20 अक्टूबर 2021
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<p>🌹🌹1..श्री तुलसी देवी कवचं</p> <p>🌹🌹2..श्री तुलसी स्तोत्र</p> <p>🌹🌹3..श्री तुलसी नाम स्तोत्र

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श्रीकाली ताण्डव

21 अक्टूबर 2021
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<p>श्रीकालीताण्डवस्तोत्रम् </p> <p><br></p> <p>हुंहुंकारे शवारूढे नीलनीरजलोचने ।</p> <p>त्रैलोक

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श्रीदामोदर स्तुति

21 अक्टूबर 2021
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<p>🌹*श्रीदामोदराष्टकम्*🌹</p> <p> 🌹 जय गोपाल🌹</p> <p><br></p> <p>*नमामीश्वरं सच्

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श्रीमहालक्ष्मी स्तोत्र

24 अक्टूबर 2021
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<p>श्री महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र </p> <p><br></p> <p>नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते। शङ्

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श्रीसूक्त

1 नवम्बर 2021
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<p>❀ श्रीसूक्त ❀</p> <p>(❑➧मूलपाठ ❑➠अर्थ)</p> <p>❑➧ *ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्*।</p> <p

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काली कवच

12 नवम्बर 2021
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<p>*अथ श्रीकाली कवच*</p> <p><br></p> <p>*विनियोग- ॐ अस्य श्री कालिका कवचस्य भैरव ऋषि: गायत्रीछन्दः श

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भवान्याष्टक

28 नवम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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गिरीश स्तोत्र

7 दिसम्बर 2021
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<p>|| श्री गिरीश स्तोत्रम् ||🙏</p> <p><br></p> <p>श्रीगणेशाय नमः ।</p> <p><br></p> <p>शिरोगाङ्गवासं

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श्री सरस्वती सूक्त

18 दिसम्बर 2021
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<p>*|| सरस्वती सूक्त ||*</p> <p><br></p> <p>🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🦢🦢🦢🦢🦢🦢🦢🦢</p> <p>इयमददाद् रभसमृणच

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श्री महालक्ष्मी स्तोत्र

18 दिसम्बर 2021
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<p>*|| महालक्ष्मीस्तुतिः ||❤🙏*</p> <p><br></p> <p>आदिलक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्मस्वरूपिणि ।</p> <p

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श्रीवैद्यनाथ स्तोत्र

20 दिसम्बर 2021
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<p>🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍</p> <p><br></p> <p>*|| श्री वैद्यनाथ अष्टकम् ||🙏*</p> <p><br></p> <p>श्री राम स

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श्रीसुदर्शन कवच

20 दिसम्बर 2021
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<p><br></p> <p>|| सुदर्शन कवचम् ||</p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/ar

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जय भवानी

20 दिसम्बर 2021
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<p>*|| भवानीस्तुति ||🙏*</p> <p><br></p> <p>आनन्दमन्थरपुरन्दरमुक्तमाल्यं मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्

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भवानी स्तोत्र

20 दिसम्बर 2021
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<p>*|| भवानीस्तुति ||🙏*</p> <p><br></p> <p>आनन्दमन्थरपुरन्दरमुक्तमाल्यं मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्

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श्रीनृसिंह कवच

23 दिसम्बर 2021
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<p>*!!श्रीमते रामानुजाय नमः!!*</p> <p> || श्री नृसिंह कवच ||</p> <p><br></p> <p>नृसिंह कवचम वक्

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श्रीभद्रकाली स्तुति

29 दिसम्बर 2021
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<p>|| भद्रकालीस्तुतिः ||❤🙏</p> <p><br></p> <p> </p> <p><br></p> <p>ब्रह्मविष्णु ऊचतुः -</p> <p

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आद्या स्तोत्र

3 जनवरी 2022
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॥ आद्यास्तोत्रम् ॥       ॐ नम आद्यायै ।श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् ।यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे..

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आद्या स्तोत्र

7 जनवरी 2022
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॥ आद्यास्तोत्रम् ॥ ॐ नम आद्यायै । श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् । यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥ मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे । अपुत्रा लभते पुत्रं त्

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श्री हरिद्रा गणपति स्तोत्र

9 जनवरी 2022
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|| हरिद्रा गणेश कवचम् ||🙏 ॥ अथ हरिद्रा गणेश कवच ॥ ईश्वरउवाच: शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये । पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥१॥ अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् । सिद्धिर

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श्रीसरस्वती स्तोत्र

31 जनवरी 2022
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|| श्रीसरस्वतीस्तोत्रं बृहस्पतिविरचितम् ||❤🙏 श्रीगणेशाय नमः । बृहस्पतिरुवाच सरस्वति नमस्यामि चेतनां हृदि संस्थिताम् । कण्ठस्थां पद्मयोनिं त्वां ह्रीङ्कारां सुप्रियां सदा ॥ १॥ मतिदां वरदां चैव सर्व

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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श्रीवराह स्तोत्र

14 फरवरी 2022
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|| वराह स्तोत्र|| ऋषयः ऊचुः जितं जितं तेऽजित यज्ञभावन त्रयीं तनुं स्वां परिधुन्वते नमः । यद्रोमरन्ध्रेषु निलिल्युरध्वरा- स्तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥१॥ रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां दुर्दर्शनं देव

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श्रीवराह स्तोत्र

14 फरवरी 2022
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|| वराह स्तोत्र|| ऋषयः ऊचुः जितं जितं तेऽजित यज्ञभावन त्रयीं तनुं स्वां परिधुन्वते नमः । यद्रोमरन्ध्रेषु निलिल्युरध्वरा- स्तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥१॥ रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां दुर्दर्शनं देव

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श्री ललिता पंचरत्न

7 अप्रैल 2022
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*|| श्री ललिता पञ्चरत्नं स्तोत्र ||*🙏 प्रातः स्मरामि ललितावदनारविन्दं बिम्बाधरं पृथुलमौक्तिकशोभिनासम् ।   आकर्णदीर्घनयनं मणिकुण्डलाढ्यं मन्दस्मितं मृगमदोज्ज्वलफालदेशम् ॥१॥     प्रातर्भजामि ललिताभुजक

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श्री चण्डी ध्वज स्तोत्र

8 अप्रैल 2022
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श्रीचण्डी ध्वज स्तोत्रम्   〰🌼〰🌼〰🌼〰 महत्व 👉 देवी के अनेक रुपों में एक रुप चण्डी का भी है. देवी काली के समान ही देवी चण्डी भी प्राय: उग्र रूप में पूजी जाती हैं, अपने भयावह रुप में मां दुर्गा चण्डी अ

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अपराजिता स्तोत्र

8 अप्रैल 2022
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देवी अपराजिता स्तोत्र विशेष 〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ अपराजिता का अर्थ है जो कभी पराजित नहीं होता।देवी अपराजिता के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी जानने योग्य हैं जैसे कि उनकी मूल प्रकृति क्या है ? देवी

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आनन्द स्तोत्र

18 जून 2022
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*।। आनन्दस्तोत्रम् ।।* 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️   श्रीकृष्णः परमानन्दो गोविन्दो नन्दनन्दनः । तमालश्यामलरुचिः शिखण्डकृतशेखरः ॥ १॥ पीतकौशेयवसनो मधुरस्मितशोभितः । कन्दर्पकोटिलावण

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कामाख्या कवच

24 जून 2022
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|| मां कामाख्या देवी कवच || महादेव उवाच शृणुष्व परमं गुहयं महाभयनिवर्तकम्।कामाख्याया: सुरश्रेष्ठ कवचं सर्व मंगलम्।। यस्य स्मरणमात्रेण योगिनी डाकिनीगणा:। राक्षस्यो विघ्नकारिण्यो याश्चान्या विघ्नकारिक

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गणपति शरणागति स्तोत्र

3 जुलाई 2022
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*|| एकदन्तशरणागतिस्तोत्रम् ||*   श्रीगणेशाय नमः । देवर्षय ऊचुः । सदात्मरूपं सकलादिभूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादिमध्यान्तविहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ १॥ अनन्तचिद्रूपमयं गणेशमभेदभेदादिविही

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गणपति शरणागति स्तोत्र

3 जुलाई 2022
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*|| एकदन्तशरणागतिस्तोत्रम् ||*   श्रीगणेशाय नमः । देवर्षय ऊचुः । सदात्मरूपं सकलादिभूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादिमध्यान्तविहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ १॥ अनन्तचिद्रूपमयं गणेशमभेदभेदादिविही

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श्रीशालिग्राम स्तोत्र

10 नवम्बर 2022
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*श्रीयतिराजाय नमः*  🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *|| शालग्राम स्तोत्रम् ||* श्रीरामं सह लक्ष्मणं सकरुणं सीतान्वितं सात्त्विकं वैदेहीमुखपद्मलुब्धमधुपं पौलस्त्वसंहारिणम् ।  वन्दे वन्द्यपदांबुजं सुरवरं भक्तानुक

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गणेश स्तुति

12 नवम्बर 2022
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Today is Sankashti Chaturthi🙏🌺 *जय श्रीमन्नारायण* *|| गणेश मंगलाष्टकम् ||* गजाननाय गांगेयसहजाय सदात्मने । गौरीप्रिय तनूजाय गणेशायास्तु मंगलम् ॥ 1 ॥ नागयज्ञोपवीदाय नतविघ्नविनाशिने । नंद्यादि गणन

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प्राचीन बजरंग बाण

18 अगस्त 2024
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यह बजरंग बाण प्राचीन पाण्डुलिपियों के आधार पर पाठ संशोधनपूर्वक प्रस्तुत किया जा रहा है । साधकों मेंप्रसिद्ध गोकुलभवन अयोध्या के श्रीराममंगलदास जी महाराज के यहाँ से प्रकाशित पुस्तक तथा बीकानेर लाइब्

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