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श्रीदुर्गा अष्टोत्तरशत नामावली

5 अक्टूबर 2021

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श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्


ईश्वर उवाच

 

शतनाम प्रवक्ष्यामि श्रृणुष्व कमलानने।

यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती॥१॥

 

ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी ।

आर्या दुर्गा जया चाद्या त्रिनेत्रा शूलधारिणी॥२॥

 

पिनाकधारिणी चित्रा चण्डघण्टा महातपा:।

मनो बुद्धिरहंकारा चित्तरूपा चिता चिति:॥३॥

 

सर्वमन्त्रमयी सत्ता सत्यानन्दस्वरूपिणी।

अनन्ता भाविनी भाव्या भव्याभव्या सदागति:॥४॥

 

शंकरजी पार्वतीजी से कहते हैं – कमलानने ! अब मैं अष्टोत्तरशतनाम का वर्णन करता हूँ, सुनो ; जिसके प्रसाद ( पाठ या श्रवण ) मात्र से परम साध्वी भगवती दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं॥१॥ 

 

१. ॐ सती 

 

२. साध्वी

 

३. भवप्रीता ( भगवान् शिवपर प्रीति रखनेवाली)

 

४. भवानी

 

५. भवमोचनी (संसार बंधनों से मुक्त करनेवाली)

 

६. आर्या

 

७. दुर्गा

 

८. जया

 

९. आद्या

 

१०. त्रिनेत्रा 

 

११. शूलधारिणी

 

१२. पिनाकधारिणी

 

१३. चित्रा

 

१४. चण्डघण्टा ( प्रचण्ड स्वर से घण्टानाद करनेवाली)

 

१५. महातपा ( भारी तपस्या करनेवाली)

 

१६. मन (मनन करनेवाली)

 

१७. बुद्धि (बोधशक्ति)

 

१८. अहंकारा ( अहंताका आश्रय )

 

१९. चित्तरूपा 

 

२०. चिता

 

२१. चिति (चेतना)

 

२२. सर्वमन्त्रमयी

 

२३. सत्ता (सत् – स्वरूपा )

 

२४. सत्यानन्दस्वरूपिणी

 

२५. अनन्ता (जिनके स्वरूप का कहीं अंत नहीं)

 

२६. भाविनी ( सबको उत्पन्न करनेवाली )

 

२७. भाव्या (भावना एवं ध्यान करनेयोग्य)

 

२८. भव्या ( कल्याणरूपा)

 

२९. अभव्या ( जिससे बढ़कर भव्य कहीं है नहीं )

 

३०. सदागति 

 

शाम्भवी देवमाता च चिन्ता रत्नप्रिया सदा।

सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी॥५॥

 

अपर्णानेकवर्णा च पाटला पाटलावती।

पट्टाम्बरपरीधाना कलमञ्जीररञ्जिनी॥६॥

 

अमेयविक्रमा क्रूरा सुन्दरी सुरसुन्दरी।

वनदुर्गा च मातङ्गी मतङ्गमुनिपूजिता॥७॥

 

ब्राह्मी माहेश्वरी चैन्द्री कौमारी वैष्णवी तथा।

चामुण्डा चैव वाराही लक्ष्मीश्च पुरुषाकृति:॥८॥

 

विमलोत्कर्षिणी ज्ञाना क्रिया नित्या च बुद्धिदा।

बहुला बहुलप्रेमा सर्ववाहनवाहना॥९॥

 

निशुम्भशुम्भहननी महिषासुरमर्दिनी।

मधुकैटभहन्त्री च चण्डमुण्डविनाशिनी ॥१०॥

 

सर्वासुरविनाशा च सर्वदानवघातिनी।

सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वास्त्रधारिणी तथा॥११॥

३१. शाम्भवी (शिवप्रिया)

 

३२. देवमाता

 

३३. चिन्ता

 

३४. रत्नप्रिया

 

३५. सर्वविद्या

 

३६. दक्षकन्या

 

३७. दक्षयज्ञविनाशिनी

 

३८. अपर्णा (तपस्या के समय पत्ते को भी न खानेवाली)

 

३९. अनेकवर्णा ( अनेक रंगोंवाली)

 

४०. पाटला ( लाल रंगवाली)

 

४१. पाटलावती (गुलाबके फूल या लाल फूल धारण करनेवाली)

 

४२. पट्टाम्बरपरीधाना ( रेशमी वस्त्र पहननेवाली)

 

४३. कलमंजीररंजिनी ( मधुर ध्वनि करनेवाले मंजीर को धारण करके प्रसन्न रहनेवाली)

 

४४. अमेयविक्रमा ( असीम पराक्रमवाली )

 

४५. क्रूरा ( दैत्यों के प्रति कठोर )

 

४६. सुन्दरी

 

४७. सुरसुन्दरी

 

४८. वनदुर्गा

 

४९. मातंगी

 

५०. मतंगमुनिपूजिता

 

५१. ब्राह्मी

 

५२. माहेश्वरी

 

५३. ऐन्द्री

 

५४. कौमारी

 

५५. वैष्णवी

 

५६. चामुण्डा

 

५७. वाराही

 

५८. लक्ष्मी

 

५९. पुरुषाकृति

 

६०. विमला

 

६१. उत्कर्षिणी

 

६२. ज्ञाना

 

६३. क्रिया

 

६४. नित्या

 

६५. बुद्धिदा

 

६६. बहुला

 

६७. बहुलप्रेमा

 

६८. सर्ववाहनवाहना

 

६९. निशुम्भ-शुम्भहननी

 

७०. महिषासुरमर्दिनी

 

७१. मधुकैटभहन्त्री

 

७२. चण्डमुण्डविनाशिनी

 

७३. सर्वासुरविनाशा

 

७४. सर्वदानवघातिनी

 

७५. सर्वशास्त्रमयी

 

७६. सत्या

 

७७. सर्वशास्त्रधारिणी

 

अनेकशस्त्रहस्ता च अनेकास्त्रस्य धारिणी।

कुमारी चैककन्या च कैशोरी युवती यति:॥१२॥

 

अप्रौढ़ा चैव प्रौढ़ा च वृद्धमाता बलप्रदा।

महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला॥१३॥

 

अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्रिस्तपस्विनी।

नारायणी भद्रकाली विष्णुमाया जलोदरी॥१४॥

 

शिवदूती कराली च अनन्ता परमेश्वरी।

कात्यायनी च सावित्री प्रत्यक्षा ब्रह्मवादिनी ॥१५॥

 

य इदं प्रपठेन्नित्यं दुर्गानामशताष्टकम्।

नासाध्यं विद्यते देवि त्रिषु लोकेषु पार्वति॥१६॥

 

धनं धान्यं सुतं जायां हयं हस्तिनमेव च ।

चतुर्वर्गं तथा चान्ते लभेन्मुक्तिं च शाश्वतीम्॥१७॥

७८. अनेकशस्त्रहस्ता

 

७९. अनेकास्त्रधारिणी

 

८०. कुमारी

 

८१. एककन्या

 

८२. कैशोरी

 

८३. युवती

 

८४. यति

 

८५. अप्रौढ़ा

 

८६. प्रौढ़ा

 

८७. वृद्धमाता

 

८८. बलप्रदा

 

८९. महोदरी

 

९०. मुक्तकेशी

 

९१. घोररूपा

 

९२. महाबला

 

९३. अग्निज्वाला

 

९४. रौद्रमुखी

 

९५. कालरात्रि

 

९६. तपस्विनी

 

९७. नारायणी

 

९८. भद्रकाली

 

९९. विष्णुमाया

 

१००. जलोदरी

 

१०१. शिवदूती

 

१०२. कराली

 

१०३. अनन्ता(विनाशरहित)

 

१०४. परमेश्वरी

 

१०५. कात्यायनी

 

१०६. सावित्री

 

१०७. प्रत्यक्षा

 

१०८. ब्रह्मवादिनी 

 

देवी पार्वती ! जो प्रतिदिन दुर्गाजी के इस अष्टोत्तरशतनामका पाठ करता है , उसके लिये तीनों लोकों में कुछ भी असाध्य नहीं है ॥१६॥ वह धन , धान्य , पुत्र ,स्त्री ,घोड़ा , हाथी ,धर्म आदि चार पुरुषार्थ तथा अन्त में सनातन मुक्ति भी प्राप्त कर लेता है ॥१७।।

 

कुमारीं पूजयित्वा तु ध्यात्वा देवीं सुरेश्वरीम्।

पूजयेत् परया भक्त्या पठेन्नामशताष्टकम्॥१८॥

 

तस्य सिद्धिर्भवेद् देवि सर्वै: सुरवरैरपि।

राजानो दासतां यान्ति राज्यश्रियमवाप्नुयात् ॥१९॥

 

गोरोचनालक्तककुङ्कुमेन

सिन्दूरकर्पूरमधुत्रयेण ।

 

विलिख्यं यन्त्रं विधिना विधिज्ञो

भवेत् सदा धारयते पुरारि:॥२०॥

 

भौमावास्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते।

विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् सम्पदां पदम्॥२१॥

॥इति श्रीविश्वसारतन्त्रे दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं समाप्तम्।

 

कुमारी का पूजन और देवी सुरेश्वरी का ध्यान करके पराभक्ति के साथ उनका पूजन करे , फिर अष्टोत्तरशतनामका पाठ आरम्भ करे ॥१८॥ 

 

देवि ! जो ऐसा करता है , उसे सब श्रेष्ठ देवताओं से भी सिद्धि प्राप्त होती हैं । राजा उसके दास हो जाते हैं । वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता है ॥१९॥

 

गोरोचन , लाक्षा , कुंकुम ,सिंदूर , कपूर , घी ( अथवा दूध ) , चीनी और मधु – इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधिपूर्वक यंत्र लिखकर जो विधिज्ञ पुरुष सदा उस यन्त्र को धारण करता, वह शिव तुल्य ( मोक्षरूप ) हो जाता है ॥२०॥

 

भौ

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मवती अमावस्या की आधी रात में , जब चन्द्रमा शतभेषा नक्षत्रपर हों , उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है वह सम्पत्तिशाली होता है ॥२१॥

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रचनाएँ
स्तुति संग्रह
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इस पुस्तक में वेद पुराण संहिता आदि से लेकर भगवान नारायण माता लक्ष्मी राधा कृष्ण सीताराम सहित अन्य देवी देवताओं की स्तुतियों का संग्रह किया है जिससे हमारे सभी सनातन प्रेमियों तक यह ज्ञान पहुंच सके जय श्रीमन्नारायण
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लघु श्रीराम रक्षा स्तोत्र

28 अगस्त 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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राधा कृपा कटाक्ष

13 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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श्रीगोपाल स्तुति

15 सितम्बर 2021
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<p>।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।</p> <p><br></p> <p> नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।</p>

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श्री वामन स्तोत्र

17 सितम्बर 2021
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<p>*‼️ वामन स्तोत्र ‼️*</p> <p><br></p> <p>अव्यादो वामनो यस्य कौतुभ प्रतिबिंबता ।</p> <p>कौतुकालोकिन

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माता दुर्गा के बत्तीस नाम

27 सितम्बर 2021
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<p>|| *देवी महात्म्यं द्वात्रिशन्नामावलि* ||❤🙏</p> <p><br></p> <p>दुर्गा दुर्गार्ति शमनी दुर्गापद्व

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माँ कामाख्या स्तोत्र

28 सितम्बर 2021
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<p>माँ कामाख्या स्तोत्र</p> <p>〰️〰️🌼🌼〰️〰️</p> <p>आज हर व्यक्ति उन्नति, यश, वैभव, कीर्ति, धन-संपदा

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श्रीदुर्गा अष्टोत्तरशत नामावली

5 अक्टूबर 2021
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<p>श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्</p> <p><br></p> <p>ईश्वर उवाच</p> <p> </p> <p>शतनाम प्रवक्ष

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श्रीदुर्गा स्तुति

9 अक्टूबर 2021
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<p><br></p> <p><br></p> <p> &

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श्रीदुर्गाआपदुद्धास्तोत्र

10 अक्टूबर 2021
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<p>*‼️दुर्गापदुद्धारस्तोत्र ‼️*</p> <p><br></p> <p> *नमष्चण्डिकाये*</p> <p><br></p> <p>नम

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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र

14 अक्टूबर 2021
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<p>|| महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम ||❤🙏</p> <p><br></p> <p>अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि

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श्री तुलसी कवच , चालीसा स्तोत्र पूजन विधि

20 अक्टूबर 2021
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<p>🌹🌹1..श्री तुलसी देवी कवचं</p> <p>🌹🌹2..श्री तुलसी स्तोत्र</p> <p>🌹🌹3..श्री तुलसी नाम स्तोत्र

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श्रीकाली ताण्डव

21 अक्टूबर 2021
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<p>श्रीकालीताण्डवस्तोत्रम् </p> <p><br></p> <p>हुंहुंकारे शवारूढे नीलनीरजलोचने ।</p> <p>त्रैलोक

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श्रीदामोदर स्तुति

21 अक्टूबर 2021
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<p>🌹*श्रीदामोदराष्टकम्*🌹</p> <p> 🌹 जय गोपाल🌹</p> <p><br></p> <p>*नमामीश्वरं सच्

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श्रीमहालक्ष्मी स्तोत्र

24 अक्टूबर 2021
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<p>श्री महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र </p> <p><br></p> <p>नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते। शङ्

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श्रीसूक्त

1 नवम्बर 2021
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<p>❀ श्रीसूक्त ❀</p> <p>(❑➧मूलपाठ ❑➠अर्थ)</p> <p>❑➧ *ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्*।</p> <p

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काली कवच

12 नवम्बर 2021
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<p>*अथ श्रीकाली कवच*</p> <p><br></p> <p>*विनियोग- ॐ अस्य श्री कालिका कवचस्य भैरव ऋषि: गायत्रीछन्दः श

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भवान्याष्टक

28 नवम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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गिरीश स्तोत्र

7 दिसम्बर 2021
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<p>|| श्री गिरीश स्तोत्रम् ||🙏</p> <p><br></p> <p>श्रीगणेशाय नमः ।</p> <p><br></p> <p>शिरोगाङ्गवासं

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श्री सरस्वती सूक्त

18 दिसम्बर 2021
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<p>*|| सरस्वती सूक्त ||*</p> <p><br></p> <p>🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🦢🦢🦢🦢🦢🦢🦢🦢</p> <p>इयमददाद् रभसमृणच

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श्री महालक्ष्मी स्तोत्र

18 दिसम्बर 2021
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<p>*|| महालक्ष्मीस्तुतिः ||❤🙏*</p> <p><br></p> <p>आदिलक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्मस्वरूपिणि ।</p> <p

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श्रीवैद्यनाथ स्तोत्र

20 दिसम्बर 2021
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<p>🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍</p> <p><br></p> <p>*|| श्री वैद्यनाथ अष्टकम् ||🙏*</p> <p><br></p> <p>श्री राम स

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श्रीसुदर्शन कवच

20 दिसम्बर 2021
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<p><br></p> <p>|| सुदर्शन कवचम् ||</p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/ar

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जय भवानी

20 दिसम्बर 2021
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<p>*|| भवानीस्तुति ||🙏*</p> <p><br></p> <p>आनन्दमन्थरपुरन्दरमुक्तमाल्यं मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्

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भवानी स्तोत्र

20 दिसम्बर 2021
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<p>*|| भवानीस्तुति ||🙏*</p> <p><br></p> <p>आनन्दमन्थरपुरन्दरमुक्तमाल्यं मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्

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श्रीनृसिंह कवच

23 दिसम्बर 2021
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<p>*!!श्रीमते रामानुजाय नमः!!*</p> <p> || श्री नृसिंह कवच ||</p> <p><br></p> <p>नृसिंह कवचम वक्

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श्रीभद्रकाली स्तुति

29 दिसम्बर 2021
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<p>|| भद्रकालीस्तुतिः ||❤🙏</p> <p><br></p> <p> </p> <p><br></p> <p>ब्रह्मविष्णु ऊचतुः -</p> <p

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आद्या स्तोत्र

3 जनवरी 2022
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॥ आद्यास्तोत्रम् ॥       ॐ नम आद्यायै ।श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् ।यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे..

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आद्या स्तोत्र

7 जनवरी 2022
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॥ आद्यास्तोत्रम् ॥ ॐ नम आद्यायै । श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् । यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥ मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे । अपुत्रा लभते पुत्रं त्

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श्री हरिद्रा गणपति स्तोत्र

9 जनवरी 2022
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|| हरिद्रा गणेश कवचम् ||🙏 ॥ अथ हरिद्रा गणेश कवच ॥ ईश्वरउवाच: शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये । पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥१॥ अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् । सिद्धिर

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श्रीसरस्वती स्तोत्र

31 जनवरी 2022
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|| श्रीसरस्वतीस्तोत्रं बृहस्पतिविरचितम् ||❤🙏 श्रीगणेशाय नमः । बृहस्पतिरुवाच सरस्वति नमस्यामि चेतनां हृदि संस्थिताम् । कण्ठस्थां पद्मयोनिं त्वां ह्रीङ्कारां सुप्रियां सदा ॥ १॥ मतिदां वरदां चैव सर्व

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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महाकाली स्तोत्र

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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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श्रीवराह स्तोत्र

14 फरवरी 2022
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|| वराह स्तोत्र|| ऋषयः ऊचुः जितं जितं तेऽजित यज्ञभावन त्रयीं तनुं स्वां परिधुन्वते नमः । यद्रोमरन्ध्रेषु निलिल्युरध्वरा- स्तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥१॥ रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां दुर्दर्शनं देव

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श्रीवराह स्तोत्र

14 फरवरी 2022
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|| वराह स्तोत्र|| ऋषयः ऊचुः जितं जितं तेऽजित यज्ञभावन त्रयीं तनुं स्वां परिधुन्वते नमः । यद्रोमरन्ध्रेषु निलिल्युरध्वरा- स्तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥१॥ रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां दुर्दर्शनं देव

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श्री ललिता पंचरत्न

7 अप्रैल 2022
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*|| श्री ललिता पञ्चरत्नं स्तोत्र ||*🙏 प्रातः स्मरामि ललितावदनारविन्दं बिम्बाधरं पृथुलमौक्तिकशोभिनासम् ।   आकर्णदीर्घनयनं मणिकुण्डलाढ्यं मन्दस्मितं मृगमदोज्ज्वलफालदेशम् ॥१॥     प्रातर्भजामि ललिताभुजक

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श्री चण्डी ध्वज स्तोत्र

8 अप्रैल 2022
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श्रीचण्डी ध्वज स्तोत्रम्   〰🌼〰🌼〰🌼〰 महत्व 👉 देवी के अनेक रुपों में एक रुप चण्डी का भी है. देवी काली के समान ही देवी चण्डी भी प्राय: उग्र रूप में पूजी जाती हैं, अपने भयावह रुप में मां दुर्गा चण्डी अ

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अपराजिता स्तोत्र

8 अप्रैल 2022
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देवी अपराजिता स्तोत्र विशेष 〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ अपराजिता का अर्थ है जो कभी पराजित नहीं होता।देवी अपराजिता के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी जानने योग्य हैं जैसे कि उनकी मूल प्रकृति क्या है ? देवी

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आनन्द स्तोत्र

18 जून 2022
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*।। आनन्दस्तोत्रम् ।।* 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️   श्रीकृष्णः परमानन्दो गोविन्दो नन्दनन्दनः । तमालश्यामलरुचिः शिखण्डकृतशेखरः ॥ १॥ पीतकौशेयवसनो मधुरस्मितशोभितः । कन्दर्पकोटिलावण

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कामाख्या कवच

24 जून 2022
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|| मां कामाख्या देवी कवच || महादेव उवाच शृणुष्व परमं गुहयं महाभयनिवर्तकम्।कामाख्याया: सुरश्रेष्ठ कवचं सर्व मंगलम्।। यस्य स्मरणमात्रेण योगिनी डाकिनीगणा:। राक्षस्यो विघ्नकारिण्यो याश्चान्या विघ्नकारिक

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गणपति शरणागति स्तोत्र

3 जुलाई 2022
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*|| एकदन्तशरणागतिस्तोत्रम् ||*   श्रीगणेशाय नमः । देवर्षय ऊचुः । सदात्मरूपं सकलादिभूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादिमध्यान्तविहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ १॥ अनन्तचिद्रूपमयं गणेशमभेदभेदादिविही

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गणपति शरणागति स्तोत्र

3 जुलाई 2022
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*|| एकदन्तशरणागतिस्तोत्रम् ||*   श्रीगणेशाय नमः । देवर्षय ऊचुः । सदात्मरूपं सकलादिभूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादिमध्यान्तविहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ १॥ अनन्तचिद्रूपमयं गणेशमभेदभेदादिविही

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श्रीशालिग्राम स्तोत्र

10 नवम्बर 2022
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*श्रीयतिराजाय नमः*  🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *|| शालग्राम स्तोत्रम् ||* श्रीरामं सह लक्ष्मणं सकरुणं सीतान्वितं सात्त्विकं वैदेहीमुखपद्मलुब्धमधुपं पौलस्त्वसंहारिणम् ।  वन्दे वन्द्यपदांबुजं सुरवरं भक्तानुक

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गणेश स्तुति

12 नवम्बर 2022
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Today is Sankashti Chaturthi🙏🌺 *जय श्रीमन्नारायण* *|| गणेश मंगलाष्टकम् ||* गजाननाय गांगेयसहजाय सदात्मने । गौरीप्रिय तनूजाय गणेशायास्तु मंगलम् ॥ 1 ॥ नागयज्ञोपवीदाय नतविघ्नविनाशिने । नंद्यादि गणन

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प्राचीन बजरंग बाण

18 अगस्त 2024
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यह बजरंग बाण प्राचीन पाण्डुलिपियों के आधार पर पाठ संशोधनपूर्वक प्रस्तुत किया जा रहा है । साधकों मेंप्रसिद्ध गोकुलभवन अयोध्या के श्रीराममंगलदास जी महाराज के यहाँ से प्रकाशित पुस्तक तथा बीकानेर लाइब्

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