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श्रीसूक्त

1 नवम्बर 2021

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❀ श्रीसूक्त ❀

(❑➧मूलपाठ ❑➠अर्थ)

❑➧ *ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्*।

*चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह।।१।।*

❑अर्थ➠ हे जातवेदा (सर्वज्ञ) अग्निदेव! आप सुवर्ण के समान रंगवाली, किंचित् हरितवर्णविशिष्टा, सोने और चाँदी के हार पहननेवाली, चन्द्रवत् प्रसन्नकान्ति, स्वर्णमयी लक्ष्मीदेवी का मेरे लिये आह्वान करें।


 

❑➧ *तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्।*

*यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्।।२।।*

❑अर्थ➠ हे अग्ने! उन लक्ष्मीदेवी का, जिनका कभी विनाश नहीं होता तथा जिनके आगमन से मैं स्वर्ण, गौ, घोड़े तथा पुत्रादि प्राप्त करूँगा, मेरे लिये आह्वान करें।

❑➧ *अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम्।*

*श्रियं देवीमुप ह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम्।।३।।*

❑अर्थ➠ जिनके आगे घोड़े और रथ के मध्य में वे स्वयं विराजमान रहती हैं। जो हस्तिनाद सुनकर प्रमुदित (प्रसन्न) होती हैं, उन्हीं श्रीदेवी का मैं आह्वान करता हूँ। लक्ष्मीदेवी मुझे प्राप्त हों।

❑➧ *कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्।*

*पद्मेस्थितां पद्मवर्णां* *तामिहोप ह्वये श्रियम्।।४।।*

❑अर्थ➠ जो साक्षात् ब्रह्मरूपा, मन्द-मन्द मुस्कुरानेवाली, सोने के आवरण से आवृत्त, दयार्द्र, तेजोमयी, पूर्णकामा, भक्तनुग्रहकारिणी, कमल के आसन पर विराजमान तथा पद्मवर्णा हैं, उन लक्ष्मीदेवी का मैं यहाँ आह्वान करता हूँ।

❑➧ *चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्।*

*तां पद्मिनीमीं शरणं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे।।५।।*

❑अर्थ➠ मैं चन्द्र के समान शुभ्र कान्तिवाली, सुन्दर द्युतिशालिनी, यश से दीप्तिमती, स्वर्गलोक में देवगणों द्वारा पूजिता, उदारशीला, पद्महस्ता लक्ष्मीदेवी की मैं शरण ग्रहण करता हूँ। मेरा दारिद्र्य दूर हो जाये। मैं आपको शरण्य के रूप में वरण करता हूँ।

❑➧ *आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः।*

*तस्य फलानि तपसा* *नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।६।।*

❑अर्थ➠ सूर्य के समान प्रकाशस्वरूपे! आपके ही तप से वृक्षों में श्रेष्ठ मंगलमय बिल्ववृक्ष उत्पन्न हुआ। उसके फल आपके अनुग्रह से हमारे बाहरी और भीतरी दारिद्र्य को दूर करें।

❑➧ *उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह।*

*प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् कीर्तिमृद्धिं ददातु मे।।७।।*

❑अर्थ➠ हे देवि! देवसखा कुबेर और उनके मित्र मणिभद्र तथा दक्ष-प्रजापति की कन्या कीर्ति मुझे प्राप्त हों अर्थात् मुझे धन और यश की प्राप्ति हो। मैं इस राष्ट्र (देश) में उत्पन्न हुआ हूँ, मुझे कीर्ति और ऋद्धि प्रदान करें।

❑➧ *क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम्।*

*अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद मे गृहात्।।८।।*

❑अर्थ➠ लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी (दरिद्रता की अधिष्ठात्री देवी) का, जो क्षुधा और पिपासा से मलिन-क्षीणकाया रहती है, उसका नाश चाहता हूँ। हे देवि! मेरे घर से हर प्रकार के दारिद्र्य और अमंगल को दूर करो।

❑➧ *गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्।*

*ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोप ह्वये श्रियम्*।।९।।

❑अर्थ➠ जिनका प्रवेशद्वार सुगन्धित है, जो दुराधर्षा (कठिनता से प्राप्त हो) तथा नित्यपुष्टा हैं, जो गोमय के बीच निवास करती हैं, सब भूतों की स्वामिनी उन लक्ष्मीदेवी का मैं आह्वान करता हूँ।

❑➧ *मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि।*

*पशूनां रूपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः।।१०।।*

❑अर्थ➠ मन की कामना, संकल्प-सिद्धि एवं वाणी की सत्यता मुझे प्राप्त हो। गौ आदि पशुओं एवं विभिन्न अन्नों भोग्य पदार्थों के रूप में तथा यश के रूप में श्रीदेवी हमारे यहाँ आगमन करें।

❑➧ *कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम।*

*श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम्।।११।।*

❑अर्थ➠ लक्ष्मी के पुत्र कर्दम की हम सन्तान हैं। कर्दम ऋषि! आप हमारे यहाँ उत्पन्न हों तथा पद्मों की माला धारण करनेवाली माता लक्ष्मीदेवी को हमारे कुल में स्थापित करें।

❑➧ *आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे*।

*नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले।।१२।।*

❑अर्थ➠ जल स्निग्ध पदार्थों की सृष्टि करें। लक्ष्मीपुत्र चिक्लीत! आप भी मेरे घर में वास करें और माता लक्ष्मी का मेरे कुल में निवास करायें।

❑➧ *आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम्।*

*चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह।*।१३।।

❑अर्थ➠ हे अग्ने! आर्द्रस्वभावा, कमलहस्ता, पुष्टिरूपा, पीतवर्णा, पद्मों की माला धारण करनेवाली, चन्द्रमा के समान शुभ्र कान्ति से युक्त, स्वर्णमयी लक्ष्मीदेवी का मेरे यहाँ आह्वान करें।

❑➧ *आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम्।*

*सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह*।।१४।।

❑अर्थ➠ हे अग्ने! जो दुष्टों का निग्रह करनेवाली होने पर भी कोमल स्वभाव की हैं, जो मंगलदायिनी, अवलम्बन प्रदान करनेवाली यष्टिरूपा, सुन्दर वर्णवाली, सुवर्णमालाधारिणी, सूर्यस्वरूपा तथा हिरण्यमयी हैं, उन लक्ष्मीदेवी का मेरे यहाँ आह्वान करें।

❑➧ *तां म आ वह जातवेदो* *लक्ष्मीमनपगामिनीम्।*

*यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो*  *दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।१५।।*

❑अर्थ➠ हे अग्ने! कभी नष्ट न होनेवाली, उन लक्ष्मीदेवी का मेरे यहाँ आह्वान करें, जिनके आगमन से बहुत-सा धन, गौएँ, दासियाँ, अश्व और पुत्रादि हमें प्राप्त हों।

*यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम्।*

*सूक्तं पञ्चदशर्चं च श्रीकामः सततं जपेत्।।*



*अथ ऋग्वैदिक श्रीसूक्त सम्पूर्ण*

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रचनाएँ
स्तुति संग्रह
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इस पुस्तक में वेद पुराण संहिता आदि से लेकर भगवान नारायण माता लक्ष्मी राधा कृष्ण सीताराम सहित अन्य देवी देवताओं की स्तुतियों का संग्रह किया है जिससे हमारे सभी सनातन प्रेमियों तक यह ज्ञान पहुंच सके जय श्रीमन्नारायण
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लघु श्रीराम रक्षा स्तोत्र

28 अगस्त 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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राधा कृपा कटाक्ष

13 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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श्रीगोपाल स्तुति

15 सितम्बर 2021
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<p>।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।</p> <p><br></p> <p> नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।</p>

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श्री वामन स्तोत्र

17 सितम्बर 2021
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<p>*‼️ वामन स्तोत्र ‼️*</p> <p><br></p> <p>अव्यादो वामनो यस्य कौतुभ प्रतिबिंबता ।</p> <p>कौतुकालोकिन

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माता दुर्गा के बत्तीस नाम

27 सितम्बर 2021
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<p>|| *देवी महात्म्यं द्वात्रिशन्नामावलि* ||❤🙏</p> <p><br></p> <p>दुर्गा दुर्गार्ति शमनी दुर्गापद्व

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माँ कामाख्या स्तोत्र

28 सितम्बर 2021
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<p>माँ कामाख्या स्तोत्र</p> <p>〰️〰️🌼🌼〰️〰️</p> <p>आज हर व्यक्ति उन्नति, यश, वैभव, कीर्ति, धन-संपदा

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श्रीदुर्गा अष्टोत्तरशत नामावली

5 अक्टूबर 2021
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<p>श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्</p> <p><br></p> <p>ईश्वर उवाच</p> <p> </p> <p>शतनाम प्रवक्ष

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श्रीदुर्गा स्तुति

9 अक्टूबर 2021
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<p><br></p> <p><br></p> <p> &

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श्रीदुर्गाआपदुद्धास्तोत्र

10 अक्टूबर 2021
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<p>*‼️दुर्गापदुद्धारस्तोत्र ‼️*</p> <p><br></p> <p> *नमष्चण्डिकाये*</p> <p><br></p> <p>नम

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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र

14 अक्टूबर 2021
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<p>|| महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम ||❤🙏</p> <p><br></p> <p>अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि

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श्री तुलसी कवच , चालीसा स्तोत्र पूजन विधि

20 अक्टूबर 2021
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<p>🌹🌹1..श्री तुलसी देवी कवचं</p> <p>🌹🌹2..श्री तुलसी स्तोत्र</p> <p>🌹🌹3..श्री तुलसी नाम स्तोत्र

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श्रीकाली ताण्डव

21 अक्टूबर 2021
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<p>श्रीकालीताण्डवस्तोत्रम् </p> <p><br></p> <p>हुंहुंकारे शवारूढे नीलनीरजलोचने ।</p> <p>त्रैलोक

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श्रीदामोदर स्तुति

21 अक्टूबर 2021
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<p>🌹*श्रीदामोदराष्टकम्*🌹</p> <p> 🌹 जय गोपाल🌹</p> <p><br></p> <p>*नमामीश्वरं सच्

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श्रीमहालक्ष्मी स्तोत्र

24 अक्टूबर 2021
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<p>श्री महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र </p> <p><br></p> <p>नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते। शङ्

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श्रीसूक्त

1 नवम्बर 2021
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<p>❀ श्रीसूक्त ❀</p> <p>(❑➧मूलपाठ ❑➠अर्थ)</p> <p>❑➧ *ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्*।</p> <p

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काली कवच

12 नवम्बर 2021
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<p>*अथ श्रीकाली कवच*</p> <p><br></p> <p>*विनियोग- ॐ अस्य श्री कालिका कवचस्य भैरव ऋषि: गायत्रीछन्दः श

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भवान्याष्टक

28 नवम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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गिरीश स्तोत्र

7 दिसम्बर 2021
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<p>|| श्री गिरीश स्तोत्रम् ||🙏</p> <p><br></p> <p>श्रीगणेशाय नमः ।</p> <p><br></p> <p>शिरोगाङ्गवासं

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श्री सरस्वती सूक्त

18 दिसम्बर 2021
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<p>*|| सरस्वती सूक्त ||*</p> <p><br></p> <p>🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🦢🦢🦢🦢🦢🦢🦢🦢</p> <p>इयमददाद् रभसमृणच

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श्री महालक्ष्मी स्तोत्र

18 दिसम्बर 2021
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<p>*|| महालक्ष्मीस्तुतिः ||❤🙏*</p> <p><br></p> <p>आदिलक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्मस्वरूपिणि ।</p> <p

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श्रीवैद्यनाथ स्तोत्र

20 दिसम्बर 2021
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<p>🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍</p> <p><br></p> <p>*|| श्री वैद्यनाथ अष्टकम् ||🙏*</p> <p><br></p> <p>श्री राम स

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श्रीसुदर्शन कवच

20 दिसम्बर 2021
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<p><br></p> <p>|| सुदर्शन कवचम् ||</p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/ar

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जय भवानी

20 दिसम्बर 2021
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<p>*|| भवानीस्तुति ||🙏*</p> <p><br></p> <p>आनन्दमन्थरपुरन्दरमुक्तमाल्यं मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्

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भवानी स्तोत्र

20 दिसम्बर 2021
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<p>*|| भवानीस्तुति ||🙏*</p> <p><br></p> <p>आनन्दमन्थरपुरन्दरमुक्तमाल्यं मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्

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श्रीनृसिंह कवच

23 दिसम्बर 2021
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<p>*!!श्रीमते रामानुजाय नमः!!*</p> <p> || श्री नृसिंह कवच ||</p> <p><br></p> <p>नृसिंह कवचम वक्

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श्रीभद्रकाली स्तुति

29 दिसम्बर 2021
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<p>|| भद्रकालीस्तुतिः ||❤🙏</p> <p><br></p> <p> </p> <p><br></p> <p>ब्रह्मविष्णु ऊचतुः -</p> <p

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आद्या स्तोत्र

3 जनवरी 2022
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॥ आद्यास्तोत्रम् ॥       ॐ नम आद्यायै ।श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् ।यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे..

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आद्या स्तोत्र

7 जनवरी 2022
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॥ आद्यास्तोत्रम् ॥ ॐ नम आद्यायै । श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् । यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥ मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे । अपुत्रा लभते पुत्रं त्

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श्री हरिद्रा गणपति स्तोत्र

9 जनवरी 2022
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|| हरिद्रा गणेश कवचम् ||🙏 ॥ अथ हरिद्रा गणेश कवच ॥ ईश्वरउवाच: शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये । पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥१॥ अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् । सिद्धिर

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श्रीसरस्वती स्तोत्र

31 जनवरी 2022
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|| श्रीसरस्वतीस्तोत्रं बृहस्पतिविरचितम् ||❤🙏 श्रीगणेशाय नमः । बृहस्पतिरुवाच सरस्वति नमस्यामि चेतनां हृदि संस्थिताम् । कण्ठस्थां पद्मयोनिं त्वां ह्रीङ्कारां सुप्रियां सदा ॥ १॥ मतिदां वरदां चैव सर्व

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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महाकाली स्तोत्र

10 फरवरी 2022
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*।। श्रीकालिकाष्टकम् ।।* ध्यानम् । गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला         महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला । विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी     महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥ १॥ भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधाना      

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श्रीवराह स्तोत्र

14 फरवरी 2022
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|| वराह स्तोत्र|| ऋषयः ऊचुः जितं जितं तेऽजित यज्ञभावन त्रयीं तनुं स्वां परिधुन्वते नमः । यद्रोमरन्ध्रेषु निलिल्युरध्वरा- स्तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥१॥ रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां दुर्दर्शनं देव

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श्रीवराह स्तोत्र

14 फरवरी 2022
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|| वराह स्तोत्र|| ऋषयः ऊचुः जितं जितं तेऽजित यज्ञभावन त्रयीं तनुं स्वां परिधुन्वते नमः । यद्रोमरन्ध्रेषु निलिल्युरध्वरा- स्तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥१॥ रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां दुर्दर्शनं देव

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श्री ललिता पंचरत्न

7 अप्रैल 2022
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*|| श्री ललिता पञ्चरत्नं स्तोत्र ||*🙏 प्रातः स्मरामि ललितावदनारविन्दं बिम्बाधरं पृथुलमौक्तिकशोभिनासम् ।   आकर्णदीर्घनयनं मणिकुण्डलाढ्यं मन्दस्मितं मृगमदोज्ज्वलफालदेशम् ॥१॥     प्रातर्भजामि ललिताभुजक

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श्री चण्डी ध्वज स्तोत्र

8 अप्रैल 2022
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श्रीचण्डी ध्वज स्तोत्रम्   〰🌼〰🌼〰🌼〰 महत्व 👉 देवी के अनेक रुपों में एक रुप चण्डी का भी है. देवी काली के समान ही देवी चण्डी भी प्राय: उग्र रूप में पूजी जाती हैं, अपने भयावह रुप में मां दुर्गा चण्डी अ

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अपराजिता स्तोत्र

8 अप्रैल 2022
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देवी अपराजिता स्तोत्र विशेष 〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ अपराजिता का अर्थ है जो कभी पराजित नहीं होता।देवी अपराजिता के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी जानने योग्य हैं जैसे कि उनकी मूल प्रकृति क्या है ? देवी

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आनन्द स्तोत्र

18 जून 2022
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*।। आनन्दस्तोत्रम् ।।* 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️   श्रीकृष्णः परमानन्दो गोविन्दो नन्दनन्दनः । तमालश्यामलरुचिः शिखण्डकृतशेखरः ॥ १॥ पीतकौशेयवसनो मधुरस्मितशोभितः । कन्दर्पकोटिलावण

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कामाख्या कवच

24 जून 2022
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|| मां कामाख्या देवी कवच || महादेव उवाच शृणुष्व परमं गुहयं महाभयनिवर्तकम्।कामाख्याया: सुरश्रेष्ठ कवचं सर्व मंगलम्।। यस्य स्मरणमात्रेण योगिनी डाकिनीगणा:। राक्षस्यो विघ्नकारिण्यो याश्चान्या विघ्नकारिक

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गणपति शरणागति स्तोत्र

3 जुलाई 2022
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*|| एकदन्तशरणागतिस्तोत्रम् ||*   श्रीगणेशाय नमः । देवर्षय ऊचुः । सदात्मरूपं सकलादिभूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादिमध्यान्तविहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ १॥ अनन्तचिद्रूपमयं गणेशमभेदभेदादिविही

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गणपति शरणागति स्तोत्र

3 जुलाई 2022
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*|| एकदन्तशरणागतिस्तोत्रम् ||*   श्रीगणेशाय नमः । देवर्षय ऊचुः । सदात्मरूपं सकलादिभूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादिमध्यान्तविहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ १॥ अनन्तचिद्रूपमयं गणेशमभेदभेदादिविही

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श्रीशालिग्राम स्तोत्र

10 नवम्बर 2022
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*श्रीयतिराजाय नमः*  🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *|| शालग्राम स्तोत्रम् ||* श्रीरामं सह लक्ष्मणं सकरुणं सीतान्वितं सात्त्विकं वैदेहीमुखपद्मलुब्धमधुपं पौलस्त्वसंहारिणम् ।  वन्दे वन्द्यपदांबुजं सुरवरं भक्तानुक

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गणेश स्तुति

12 नवम्बर 2022
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Today is Sankashti Chaturthi🙏🌺 *जय श्रीमन्नारायण* *|| गणेश मंगलाष्टकम् ||* गजाननाय गांगेयसहजाय सदात्मने । गौरीप्रिय तनूजाय गणेशायास्तु मंगलम् ॥ 1 ॥ नागयज्ञोपवीदाय नतविघ्नविनाशिने । नंद्यादि गणन

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प्राचीन बजरंग बाण

18 अगस्त 2024
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यह बजरंग बाण प्राचीन पाण्डुलिपियों के आधार पर पाठ संशोधनपूर्वक प्रस्तुत किया जा रहा है । साधकों मेंप्रसिद्ध गोकुलभवन अयोध्या के श्रीराममंगलदास जी महाराज के यहाँ से प्रकाशित पुस्तक तथा बीकानेर लाइब्

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