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प्रथा (एक नायिका)👉 भाग - 4

18 अक्टूबर 2021

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फ्लैशबैक



सगाई के बाद सूर्या प्रथा और रघुवीर जी को अपने साथ उसी शहर में ले आया जहां उसकी पोस्टिंग थी ।

प्रथा और सूर्या की हल्दी का दिन था , वर्धमान भी वहां आया था प्रथा ने लाइट यलो कलर की साड़ी पहनी थी, हाथों में यलो कलर बेल्वेट की चूड़ियां, माथे पर व्हाइट स्टोन वाली बिंदी,  होठों पर ऑरेंज कलर की लिपस्टिक लगाई थी । प्रथा की बड़ी बड़ी आंखों में समाया काजल उसकी आंखो और भी सुन्दर बना रहा था।  
प्रथा का ये रूप सूर्या की धड़कने और सांसे दोनो ही बढ़ा रहा था । जैसे जैसे हवा के हल्के झोखों से प्रथा के बाल उड़ते वैसे वैसे सूर्या के होठों की मुस्कुराहट बड़ी हो जाती। सूर्या ने डार्क यलो कलर का कुर्ता और ब्लू कलर की जींस पहनी थी सूर्या उसने बेहद स्मार्ट लग रहा था । वही कोई और भी था जो प्रथा को देखकर अपनी धड़कनों को बढ़ते हुए महसूस कर रहा था और वो था वर्धमान । 

हल्दी की रस्म हो चुकी थी प्रथा अपने रूम में चेंज करने गई जब वो वाशरूम से बाहर आई उसने देखा वर्धमान उसके रूम में मौजूद था । 
प्रथा उसे देखते ही चौंक गई , उसने घबराते हुए कहा ।

आप ,,, आप,, यहां क्या कर रहे हैं ? 

कुछ नही क्यूटी बस तुम्हे देखने आया था ,,, वर्धमान ने मुस्कुराते हुए कहा । 

देख लिया आपने अब जाइए ,,, प्रथा अब भी घबराई हुई थी । और आज के बाद ये क्यूटी मत कहना वरना मैं सूर्या को बता दूंगी । 

अच्छा और मैं इसका मौका ही ना दूं तो,,, । वर्धमान ने अपने दोनो हाथ आपस में रगड़ते हुए मुस्कुराकर कहा ।

क्या कर लोगे ,,, हटो सामने से जाना है मुझे 😡😡 प्रथा को अब गुस्सा आने लगा था , इतना कहकर जैसे ही प्रथा आगे बढ़ी , वर्धमान ने आगे बढ़ कर रूम का दरवाजा लॉक कर दिया । 

वर्धमान,,, । प्रथा एक दम उस पर चिल्लाई । 

प्रथा को ऐसे गुस्से में देख कर वर्धमान की मुस्कुराहट और बढ़ गई । उसने प्रथा का हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया अब प्रथा वर्धमान की बांहों में थी और कसमसा रही थी , उसने वर्धमान को धक्का देकर उसे खुद से अलग किया इससे पहले वो आगे बढ़ता प्रथा रूम का गेट खोलकर बाहर निकल चुकी थी । 

वो भागती हुई बाहर निकली और अचानक सूर्या से टकरा गई , सूर्या ने उसकी हालत देखी तो वो कुछ समझ नही पाया ।

प्रथा ने जैसे ही सूर्या को देखा वो उससे लिपट कर रोने लगी , प्रथा ने अपनी आंसुओं से भरी आंखे बंद कर ली और सूर्या के कुर्ते का कॉलर कस के पकड़ लिया , सूर्या ने भी अपनी बाहों में  प्रथा को कस लिया और फिर धीरे से उसके कान में कहा ,

क्या,,, हुआ जाना ,,, तुम घबरा क्यों रही हो।

प्रथा ने वर्धमान के बारे में सूर्या को बताना ठीक नही समझा क्योंकि वो सूर्या का दोस्त था और प्रथा नही चाहती थी उसकी वजह से सूर्या और वर्धमान की दोस्ती में दरार आए । प्रथा सूर्या से धीरे से अलग हुई प्रथा के हाथ सूर्या की दोनो बांहों पर थे , और सूर्या के हाथ प्रथा की बाहों पर ।

कुछ ,,,, नही मन में बहुत बुरे बुरे ख्याल आ रहे थे ,,, बस आपकी चिंता हो रही थी मुझे ,,,। प्रथा की आंखे मासूमियत और आंसुओं  से भरी थी । 

किस बात की चिंता,,, जाना,,,, मैं बिल्कुल ठीक हूं ,,, तुम्हारे सामने ,,। सूर्या ने मुस्कुराते हुए कहा । 
प्रथा फिर सूर्या के सीने से लग गई और अब वो खुद को सुरक्षित महसूस कर रही थी ।

प्रथा पुराने दिनों में खोई हुई थी कि तभी रघुवीर जी ( प्रथा के पिता ) की आवाज प्रथा के कानों में पड़ी ।

लाडो तू ठीक तो है न अब कैसा लग रहा है ,,।

ठीक हूं पापा पहले से बेहतर लग रहा है ,, । प्रथा ने मुस्कुराकर जवाब दे दिया । 

सूर्या ऑफिस चला गया क्या,,? रघुवीर जी ने फिर पूछा ।

हां पापा वो चले गए,,। प्रथा ने जवाब दे दिया ।
पापा आप भी नाश्ता कर लीजिए मुझे तो वो रूम में ही नाश्ता दे आए थे तो मैंने वही कर लिया था ,,।

हां ठीक है,,। रघुवीर जी ने सहमति दे दी ।

प्रथा ने उन्हे नाश्ते की प्लेट दे दी , फिर उसने कहा । 

पापा मुझे शॉपिग करने जाना है मैने उनसे भी पूछ लिया है ,,, मैं जाऊं,,। 

पर बेटा अभी तू ठीक नही है, तेरा ऐसे अकेले जाना ठीक नही है,,। 

पापा प्लीज़ ,,, मैं अपना ध्यान रखूंगी ,, जाने दीजिए ना प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़,,। प्रथा ने पप्पी फेस बना कर कहा ।
तो रघुवीर जी को हंसी आ गई उन्होंने कहा,

ठीक है पर जल्दी आना ,,,,।

जी पापा,,, मेरे अच्छे पापा,, । कहकर प्रथा अपने रूम में चली गई।

प्रथा घर से बाहर निकली उसकी आंखे नीली हो गई उसने फिर वही शब्द दोहराए अब तुम दोनो की बारी ,,,उसने दूर से ही देख लिया था कि वो लोग कहां हैं ।

राधे राधे दोस्तों 🙏 आगे की कहानी नेक्स्ट पार्ट में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी चाहती हूं धन्यवाद 🙏😊 ।

श्रद्धा ' मीरा ' ✍️

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बढिया 👌 👌 👌

3 जनवरी 2022

Jyoti

Jyoti

👌👌👌

8 दिसम्बर 2021

Shailesh singh

Shailesh singh

प्रथा ने काफी दिमाग से काम किया वरना वर्धमान के इरादे ठीक नही लग रहे थे

28 अक्टूबर 2021

sanjay patil

sanjay patil

👍👍

21 अक्टूबर 2021

5
रचनाएँ
प्रथा (एक नायिका )
5.0
# जहां चाह , वहां राह । #नायिका #बदला #प्रेम #फंतासी ये कहानी है एक प्रेमिका , जिसने मौत से लड़कर अपना प्यार पाया और ईश्वर ने भी उसकी मदद की ,

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