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प्रथा (एक नायिका) 👉 भाग 1

14 अक्टूबर 2021

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प्लीज़,,, प्लीज़ ,,,🙏,,, मुझे जाने दो मुझे छोड़ दो ,,,आज मेरी शादी है मुझे जाना है ,,, वो मेरा इंतजार कर रहे होंगे प्लीज़ मुझे जाने दो  🙏🙏😭 कहते कहते प्रथा रो रही थी , वो एक इंसान के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रही थी पर उसे रत्ती भर भी दया नही आई । उसने प्रथा को उसके बालो से पकड़ा और फिर उसका सर दीवार में मार दिया फिर उसे बालो से पकड़ कर कहा 

वो सूर्या अब कैसे तुझे बचाएगा ,,,। पहले तू मरेगी फिर वो सूर्या इतना कहते हुए उस लड़के ने चाकू से प्रथा पर वार कर दिया ,,, ,,  अब प्रथा की आंखे बंद होने लगी उसकी सांसे उखड़ने लगी थी  ।

मैं ,,, मैं,,,उन्हे,,,,,,, कु,,,कुछ,, नही,,, वापस ,,, आऊं,,, गी,,, मैं,, इतना कहते कहते प्रथा की आंखे बन्द हो गई ।

सूर्या की आंखो से अनायास ही आंसू छलक गए ,,, उसका दिल बहुत बैचेन था कुछ नही समझ आ रहा था उसे । 
तभी पीछे से आवाज आई ,

सूर्या बेटा,, प्रथा कहां है ?मुहूर्त निकला जा रहा है ,,। रघुवीर जी ( प्रथा के पिता) ने कहा । 

पता नही पापा फोन भी भी लग रहा ,,,। कहते हुए सूर्या की बेचैनी बढ़ गई ।

सूर्या का अपना कहने के लिए कोई नही था वो अनाथ था , और प्रथा के पिता ने ही उसे पढ़ाया लिखाया था, सूर्या एक काबिल आई. बी .( Intelligence Bureau ) अफसर था , उसकी ईमानदारी और देशभक्ति की लोग मिसाल देते थे और इसीलिए उसके कई दुश्मन भी थे । 
काफी देर हो गई प्रथा मंदिर से नही लौटी , शादी का मुहूर्त भी निकल गया हर जगह प्रथा को ढूंढा जाने लगा पुलिस फोर्स पूरी तरह से प्रथा को खोजने में लगी थी , 

दो दिन बाद - सूर्या के घर पर 

सूर्या अपने रूम में बैठा बस प्रथा के बारे में ही सोच रहा था उसे किसी भी कीमत पर ढूढना चाहता था , रघुवीर जी हॉल में बैठे थे की अचानक डोरबेल बजी । रघुवीर जी ने गेट खोला तो सामने प्रथा सामने खड़ी थी सही सलामत , रघुवीर जी ने प्रथा को सीने से लगा लिया ।

बेटा कहा चली गई थी हम सब कितना परेशान हो गए थे ,,,,,।

कुछ नही पापा ,,, एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था प्रथा ने अपने सर की तरफ इशारा किया जहां चोट लगी हुई थी  जैसे ही मुझे होश आया मैं वापस आ गई । प्रथा ने आंखो में आंसू लिए हुए कहा । फिर कुछ देर में 
पापा वो,, सूर्या । भीगी आंखों से प्रथा ने पूछा ।

रघुवीर जी ने सूर्या के रूम की तरफ इशारा किया ।

प्रथा सूर्या के रूम में गई जैसे ही सूर्या ने प्रथा को देखा वो प्रथा के पास आया और  उसने प्रथा को अपनी बाहों में भर लिया ।

कहां चली गई थी तुम जाना,,,? सूर्या की आंखे नम हो गई थी , उसने फिर कहा अगर तुम्हे शादी से कोई प्रॉब्लम थी तो मुझसे कह देती पर आखिर क्या बात है ? जो तुम यूं चली गई । 

मैं आपको छोड़ कर नही गई मैं तो वापस आई हूं सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ,,,। प्रथा अभी कह ही रही थी कि सूर्या की नजर प्रथा के माथे पर पड़ी जिस पर पट्टी बंधी हुई थी । 

सूर्या बीच में ही बोल पड़ा ।
ये ,,, ये,, क्या हुआ जाना तुम्हे चोट कैसे लगी ,,। 

वो,,, वो,,, मेरा एक्सीडेंड हो गया था। प्रथा ने नजर चुराते हुए कहा । 

सूर्या ने फिर से प्रथा को गले से लगा लिया , और उसने धीरे से कहा थैंक गॉड तुम ठीक हो ,, मैं,, मैं बहुत डर गया था जाना,, मुझे लगा कही तुम्हे कुछ,,। सूर्या की आंखो में नमी छाई हुई थी । 

प्रथा ने सूर्या से अलग होते हुए कहा  ,

मैं बिल्कुल ठीक हूं सूर्या,,, फिर उसने मन में कहा पर वो वर्धमान अब ठीक नही रहेगा 😠 उसकी आंखे गुस्से से और लाल हो गई ।

नही तुम ठीक नही हो,, कितनी चोट आई है तुम्हे ,,, तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दवा और हल्दी वाला दूध लेकर आता हूं ,, । सूर्या की बातो में चिंता साफ झलक रही थी । इतना कहकर सूर्या रूम से बाहर चला गया ।

प्रथा ने सूर्या के जाते ही अपनी मुट्ठियाँ भींच ली और उसने गुस्से में कहा ,

वर्धमान,,,, तुमने जो कुछ हमारे साथ किया है , उसके लिए मैं तुम्हे वो भयानक मौत दूंगी , जिसे देखकर शैतान की भी रूह कांप जाए , मेरे सूर्या को एक खरोंच भी नही आने दूंगी किसी भी कीमत पर,,, कहते कहते प्रथा की आंखे अंगार की तरह धधकने लगी अचानक उसकी आंखे नीले रंग में बदलने गई ।

तभी प्रथा को कुछ आहट हुई तो उसने खुद को नॉर्मल कर लिया तब तक सूर्या उसके पास आ गया , सूर्या ने प्रथा को दवा और दूध का गिलास पकड़ा कर कहा चलो अभी दवा लो और दूध पूरा खत्म करो,  प्रथा ने बिना कोई आनाकानी किए सूर्या की सारी बात मान ली ,  सूर्या ने उसे बैड पर लिटा दिया और ब्लैंकेट से कवर कर दिया और उसके बराबर से ही बैठ कर उसे सुलाने लगा पर उसके मन में अजीब सी बेचैनी थी प्रथा का व्यवहार बदला बदला सा था उसने दवा खाने पर भी बिल्कुल आनाकानी नही की थी , दूध पीने पर भी नखरे नही किए पर जहां तक वो जनता था , प्रथा दवा लेने के नाम पर पूरा घर सर पर उठा लेती थी । 
प्रथा सो चुकी थी , सूर्या ड्राइंग रूम में आकर सोफे पर लेट गया और प्रथा के बारे में सोचते सोचते ही सो गया ।

राधे राधे दोस्तों 🙏 आगे की कहानी अगले पार्ट में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी चाहती हूं।
धन्यवाद 🙏😊 

श्रद्धा  'मीरा' ✍️
मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुन्दर लिखा आपने 👌 आप मेरी कहानी पढ़कर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

13 अगस्त 2023

3 जनवरी 2022

Jyoti

Jyoti

Good

8 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

👌👌

8 दिसम्बर 2021

Shailesh singh

Shailesh singh

कहानी का पहला भाग ही काफी रोचक है ऐसा प्रतीत हो रहा प्रथा के ऊपर जुर्म के माध्यम से आपने एक गंभीर मुद्दा उठाया हैं|

28 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

बहुत रोचक शुरुआत

17 अक्टूबर 2021

5
रचनाएँ
प्रथा (एक नायिका )
5.0
# जहां चाह , वहां राह । #नायिका #बदला #प्रेम #फंतासी ये कहानी है एक प्रेमिका , जिसने मौत से लड़कर अपना प्यार पाया और ईश्वर ने भी उसकी मदद की ,

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